बकोट का अर्थ
[ bekot ]
बकोट उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- अँगूठे और तर्जनी से किसी के शरीर का चमड़ा पकड़कर दबाने की क्रिया जिससे उसे कुछ पीड़ा हो:"उसकी चिकोटी से मेरे हाथ में ख़ून जम गया"
पर्याय: चिकोटी, चुकटी, चुटकी, बकोटा, चूँटी - हाथ के पंजों की वह मुद्रा जो उँगलियों से कोई वस्तु पकड़ने के समय होती है:"चाबी मेरे चंगुल से गिरकर कहीँ खो गई"
पर्याय: चंगुल, चुंगल, बकोटा
उदाहरण वाक्य
- ज्यादा बड़-बड़ करोगे तो मुँह पर बकोट ( नोंच) लेंगे,
- निगम सूत्रों के अनुसार योजना के तहत रुद्रपुर समेत हल्द्वानी , रुड़की, रामनगर, चंपावत, कपकोट, बागेश्वर, टनकपुर, सितारगंज, किच्छा, रुद्रपुर, बाजपुर, काशीपुर, पिथौरागढ़, ऋषिकेश, देवप्रयाग, गौचर, गोपेश्वर, जोशीमठ, बदरीनाथ, बकोट, अगस्त्यमुनि, ऊखीमठ, गंगोत्री, यमुनोत्री और उत्तरकाशी को शामिल किया गया है।
- मुनमुन के मुंह का कुछ भी सुन लें , उनकी गोद में चढ़कर बच्ची कुछ भी कह दे, उनकी नाक खींच ले, भौं बकोट ले, बुन्नन का मन मनभर खुशी में डूब जाता है, और फिर देर तक डूबा रहता है.