बृहदारण्यकोपनिषद का अर्थ
[ berihedaarenyekopenised ]
बृहदारण्यकोपनिषद उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- मुख्य उपनिषदों में से एक :"बृहदारण्यक उपनिषद् यजुर्वेद और शतपथ ब्राह्मण से संबंधित है"
पर्याय: बृहदारण्यक उपनिषद्, बृहदारण्यक उपनिषद, बृहदारण्यक, बृहदारण्यकोपनिषद्
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- बृहदारण्यकोपनिषद प्रथम अध्याय | Brihadaranyaka Upanishad First lesson
- छान्दोग्य एवं बृहदारण्यकोपनिषद सम्भवत : सबसे प्राचीन उपनिषद हैं।
- बृहदारण्यकोपनिषद शुक्ल यजुर्वेदीय शाखा के अन्तर्गत एक उपनिषद है।
- स्थिति ईशोपनिषद और बृहदारण्यकोपनिषद की भी बन गई है।
- balloon title = ” बृहदारण्यकोपनिषद ( 2 । 4 ।
- बृहदारण्यकोपनिषद के आठवें ब्राह्मण में गार्गी दो प्रश्न याज्ञवल्क्य से पूछती हैं .
- यानी आखिरी अध्याय है और जिसे हम बृहदारण्यकोपनिषद कहते हैं वह असलियत में
- शुक्ल यजुर्वेद की काण्व शाखा के बृहदारण्यकोपनिषद के पांचवे अध्याय का पहला ब्राह्मण।
- बृहदारण्यकोपनिषद के प्रथम ब्राह्मण में ब्रह्म स्वरूपों की व्याख्या प्रस्तुत कि गई है .
- बृहदारण्यकोपनिषद के प्रथम ब्राह्मण में प्राण तत्व की महत्ता को दर्शाया गया है .