ब्रह्मवैवर्तपुराण का अर्थ
[ berhemvaivertepuraan ]
ब्रह्मवैवर्तपुराण उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- अठारह पुराणों में से एक:"ब्रह्मवैवर्तपुराण चार भागों में विभाजित है"
पर्याय: ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म वैवर्त पुराण
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- यह कथा ब्रह्मवैवर्तपुराण तथा गर्गसंहिता में वर्णित है।
- ब्रह्मवैवर्तपुराण में श्लोकों की संख्या अठारह हजार हैं।
- ब्रह्मवैवर्तपुराण के गणपति-खण्ड में इन्हें अयोनिज कहा गया है।
- कम से कम ब्रह्मवैवर्तपुराण तो ये ही कहता हैं।
- ब्रह्मवैवर्तपुराण में आयुर्वेद को पांचवां वेद कहा गया है।
- सर्ग , स्कन्दपुराण के नागरखण्ड के 67वें अध्याय, ब्रह्मवैवर्तपुराण और
- ( 10) ब्रह्मवैवर्तपुराण में श्लोकों की संख्या अठारह हजार हैं।
- ब्रह्मवैवर्तपुराण में उल्लेख है- ब्रह्माजीके कण्ठदेश ( नरद) से उत्पत्तिवशनारद नामकरण हुआ।
- आर्यशास्त्र , ब्रह्मवैवर्तपुराण , आद्या स्त्रोत आदि में इसका उल्लेख है।
- आर्यशास्त्र , ब्रह्मवैवर्तपुराण , आद्या स्त्रोत आदि में इसका उल्लेख है।