मत्तगयंद का अर्थ
[ mettegayend ]
मत्तगयंद उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- दीप जले - ( छंद : मत्तगयंद सवैया और घनाक्षरी)
- दीप जले - ( छंद : मत्तगयंद सवैया और घनाक्षरी)
- ये सात भगण और दो दीर्घ का मत्तगयंद नामक सवैया है।
- ये सात भगण और दो दीर्घ का मत्तगयंद नामक सवैया है।
- मत्तगयंद सवैया आस लिये हम बाट तकें , कब संजय आयँ कहें, मन
- वे स्वयं चलते थे मत्तगयंद छंद वाली चाल में , झूमते हुए।
- प्रसिद्ध हैं - दोहा , चौपाई , सोरठा , ऊलाल , कुंडिलया , बरवै , कवित्त , रोला , सवैया , मालती , मालिनी , गीतिका , छप्पय , सारंग , राधिका , आर्या , भुजंगप्रयात , मत्तगयंद आदि।
- प्रसिद्ध हैं - दोहा , चौपाई , सोरठा , ऊलाल , कुंडिलया , बरवै , कवित्त , रोला , सवैया , मालती , मालिनी , गीतिका , छप्पय , सारंग , राधिका , आर्या , भुजंगप्रयात , मत्तगयंद आदि।
- इसके अलावा गीतिका , हरगीतिका , मालिनी , छप्पय , चौपाई , सौरठा , कवित्त , सवैया , ख्याल , रोला , उल्लाला तथा मत्तगयंद इत्यादि छंद-पदावली को लौकिक साहित्य के साधकों में बेहद लोकप्रियता प्राप्त होती रही है।