मत्तगयन्द का अर्थ
[ mettegayend ]
मत्तगयन्द उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- मत्तगयन्द सवैया में सात भगण ( ऽ।
- छन्द मत्तगयन्द : श्रीमत वीर हरें भवपीर , भरें सुखसीर अनाकुलताई।
- मत्तगयन्द सवैया 23 वर्णों का छन्द है , जिसमें सात भगण ( ऽ।।
- कवियों में मत्तगयन्द हूँ मैं . भोलेनाथ , सीधे सीधे बता दो .
- अम्बरीष श्रीवास्तव ने श्रंगार से अभिसिंचित अपने दोहों व मत्तगयन्द सवैया के माध्यम से कहा … .
- ख़ैर कुछ भी हो , इस उम्र में भी नामवर जी की चेतना चैतन्य है और चाल मत्तगयन्द छंद की तरह लासानी है।
- अरविन्द सवैया · अरसात सवैया · किरीट सवैया · गंगोदक सवैया · चौपाई · छप्पय · दुर्मिल सवैया · दोहा · मत्तगयन्द सवैया ·
- भाई अरुण जी सादर बहुत सुन्दर बाल लीलाओं को दर्शाती मत्तगयन्द सवैया लिखी है हार्दिक बधाई स्वीकारें . आप बहुत अच्छी सवैया लिख रहे हैं .
- ( 2) मत्तगयन्द सवैया आस विकास हुलास भरे मनमोदक नाच नचावति आशा सावन केरि फुहार बनी सुख है सुख का सरसावति आशा दास निराश कबौ ना करै रचि छप्पन भोग लगावति आशा आँचर के तर हे तरके विश्वासहिं दूध पियावति आशा ..
- कवियों में मत्तगयन्द हूँ मैं . तिमिर था . इतना तिमिर था प्रभु ! कि देखने को जीभर जीवनभर एकटक , एकाग्र माता पार्वती का मुख तुमने खोंस ली अपनी जटाओं में चन्द्रमा की हेयर-पिन ......................................................... शब्दों की अलग स्वर रचना . कल्पना में अलग रस और अनुभूती . छूने पर भी अनछुआ रस .