मधुप्रमेह का अर्थ
[ medhupermeh ]
मधुप्रमेह उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक रोग जिसमें बार-बार और थोड़ा-थोड़ा करके पेशाब आता है और पेशाब के साथ शरीर से शर्करा या चीनी का भी कुछ अंश निकलता है:"मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को शर्करा से परहेज करना चाहिए"
पर्याय: मधुमेह, मूत्रकृच्छ, इक्षुप्रमेह, इक्षु-प्रमेह, इक्षुमेह, डायबीटीज़, डायबीटीज, डायबिटीज़, डायबिटीज
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- मधुप्रमेह और उदर के रोगों से मुक्ति मिलती है।
- डायबीटीज़ , मधुप्रमेह , मूत्रकृच्छ 7 .
- डायबीटीज़ , मधुप्रमेह , मूत्रकृच्छ 7 .
- मधुप्रमेह , स्वप्नदोष , अजीर्ण , कमर का दर्द , गर्दन की
- मंदाग्नि , मरोड़ा , संग्रहणी , वातविकार , क्षय , दमा , मधुप्रमेह , प्लीहा की
- मंदाग्नि , मरोड़ा , संग्रहणी , वातविकार , क्षय , दमा , मधुप्रमेह , प्लीहा की
- अतः सर्दी-खाँसी , श्वास , मधुप्रमेह , कोढ़ , रक्तविकार के रोगियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- अतः सर्दी-खाँसी , श्वास , मधुप्रमेह , कोढ़ , रक्तविकार के रोगियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- मंदाग्नि , मरोड़ा , संग्रहणी , वातविकार , क्षय , दमा , मधुप्रमेह , प्लीहा की वृद्धि आदि अनेक रोगों दूर होते है।
- मंदाग्नि , मरोड़ा , संग्रहणी , वातविकार , क्षय , दमा , मधुप्रमेह , प्लीहा की वृद्धि आदि अनेक रोगों दूर होते है।