मालकोष का अर्थ
[ maalekos ]
मालकोष उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक राग जिसे शरद् ऋतु में रात के पिछले पहर में गाया जाता है :"कुछ लोगों के मतानुसार मालकोश शिशिर तथा वसंत ऋतु में भी गाया जाता है"
पर्याय: मालकोश, मालकोस, मालकौस, मालकोश राग
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- जैसे मालकोष राग के माध्यम से विशुद्ध चक्र को
- भजन संध्या में ऋतु मेहता ने राग मालकोष में सूरदास के पद सुनाए।
- उस्ताद परेशान हो गये कि बहरतबिल वाला गला मालकोष पर क्यों आ गया ?
- उस्ताद परेशान हो गये कि बहरतबिल वाला गला मालकोष पर क्यों आ गया ?
- `तोड़ी ' जंगली जानवरों-- जैसे हिरन आदि तक को वशीभूत कर लेने की ओर इंगितकरती है, तो` मालकोष' विजयोल्लास का द्योतक है.
- उस्ताद परेशान हो गये कि बहरतबिल वाला गला मालकोष पर क्यों आ गया ? यहां , ऐसी महिमा है , दाज्यू की ।
- सन् ध् या सुकुमारी के प्रकृति - सिंहासन पर बैठते ही तू उसके कल् याण के लिए ‘ श् यामकल् याण ' का स् वर छेड़ देती है और उसके बाद ‘ इमन ' , ‘ खम् माच ' , ‘ कान् हरा ' , ‘ दरबारी ' , ‘ मालकोष ' न जाने कौन-कौन राग-रागिनियाँ अलापती चली जाती है।