लोक-नाटक का अर्थ
[ lok-naatek ]
लोक-नाटक उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
- से जुड़ी कला , बांस के कला, लोक-नाटक,
- लोक-भाषा अथवा लोक-विश्वासों के संबलबिना , जिस प्रकार गीत, कथा अथवा लोक-गाथा, अर्थ-~ हीन एवं खोखले हैं, उसी प्रकारबिना गति अथवा आंगिक चेष्टाओं के गीत, विशेषकर लोक-नाटक का कोई महत्त्व नहीं.
- लोक-नाटक ‘ सांग ' में जब किसी हिंदी-उर्दू-गीत में कोई कठिन पंक्ति आती है तब संचालक सम्बद्ध पात्र से पूछता है कि उस पंक्ति का क्या मतलब है-यथा- “ अरी गुल बकावली , तू दो लम्बर पर के बोली ? ” और फिर वह पात्र ठेठ हरियाणवी गद्य में पंक्ति विशेष का अर्थ बताता / बताती है।