सरिवन का अर्थ
[ seriven ]
सरिवन उदाहरण वाक्यसरिवन अंग्रेज़ी में
परिभाषा
संज्ञा- एक पौधा:"शालपर्णी दवा के रूप में उपयोग होती है"
पर्याय: शालपर्णी, शालपर्ण, त्रिपर्णी, त्रिपर्णिका, शालिपर्णी, धवनि, शालपत्रा, तृणगंधा, तृणगन्धा, पीतिनी, पीतनी, रुद्रजटा, रुद्र-जटा, रुद्र जटा, सौम्या, शालानी, दीर्घमूला, निश्चला, वातघ्नी, ध्रुवा, गठिवन, कुकुर, पीलुमूल, पीवरी, शालिका, शुभपत्रिका, नीलपुष्प, पर्णी, अस्तमती, पालिंदी, पालिन्दी, पालिंधी, पालिन्धी
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- ये दस जड़ें जिन वनस्पतियों की होती हैं वे हैं- बेल , गम्भारी, पाटल, अरनी, अरलू, सरिवन, पिठवन, बड़ी कटेरी, छोटी कटेरी और गोखरू।
- 24 वात-कफ ज्वर : -अनन्तमूल , छोटी पीपल , अंगूर , खिरेंटी और शालिपर्णी ( सरिवन ) को मिलाकर बना काढ़ा गर्म-गर्म पीने से वात का बुखार दूर हो जाता है।
- चिरायता , नागरमोथा , नेत्रबाला , छोटी कटेरी , बड़ी कटेरी , गोखरू , गिलोय , सोंठ , सरिवन , पिठवन और पोहकरमूल को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर पीने से वात के बुखार में लाभ मिलता है।
- चिरायता , नागरमोथा , नेत्रबाला , छोटी कटेरी , बड़ी कटेरी , गोखरू , गिलोय , सोंठ , सरिवन , पिठवन और पोहकरमूल को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर पीने से वात के बुखार में लाभ मिलता है।
- चिरायता , गिलोय , कटाई , कटेली , सुगन्धबाला , नागरमोथा , गोखरू , सरिवन , पिठवन और सोंठ को लेकर मोटा-मोटा पीसकर काढ़ा बनाकर रख लें , फिर इस काढ़े को रोगी को पिलाने से वात के बुखार में लाभ मिलता है।
- चिरायता , गिलोय , कटाई , कटेली , सुगन्धबाला , नागरमोथा , गोखरू , सरिवन , पिठवन और सोंठ को लेकर मोटा-मोटा पीसकर काढ़ा बनाकर रख लें , फिर इस काढ़े को रोगी को पिलाने से वात के बुखार में लाभ मिलता है।
- - डॉ . अजय कुमार रावत, वरिष्ठ वैज्ञानिक, नेशनल बॉटेनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट लखनऊ इन औषधियों का होता है प्रयोग च्यवनप्राश को तैयार करने में बेल, गनियार, गम्भारी, पाढल की छाल के अलावा बरियश मूल, सरिवन, पकिवन, वनमूंग, वनउड़द, पीपर, गोक्षरू, वनभष्टा, भटकैया, काकड़ासिंगी, भूमिआंवला, मुनक्का, जीवंती, पुष्करमूल, कालाअगर, बड़ी हरड़, गुड्ची, बड़ी इलायची, लाल चंदन, नील कमल, आडूसा की पत्ती, जीवक, ऋषभक, मेदा, मदामेदा, काकोली, क्षीर का कोली, ऋद्धि, बुद्धि और सबसे अधिक मात्रा में आंवले का प्रयोग होता है।