सरीफा का अर्थ
[ serifaa ]
सरीफा उदाहरण वाक्यसरीफा अंग्रेज़ी में
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- पान-सुपारी , रोली, कलावा, जौ, टाब नींबू, चकरोता, अनानास, नारियल, बेल पत्थर, सरीफा, कमरक, हल्दी, अदरक आदि के साथ टोकरी व सूप की खरीदारी भी की गई।
- कभी बैर और सरीफा के फल बेचकर घाटी में रहने वाले ज्यादातर आदिवासी लोग अपनी अजिवाका बड़े आराम से चला लेते थे पर आज घाटी में गिनती के बेर और सरीफा के पेड़ बच गए है .
- कभी बैर और सरीफा के फल बेचकर घाटी में रहने वाले ज्यादातर आदिवासी लोग अपनी अजिवाका बड़े आराम से चला लेते थे पर आज घाटी में गिनती के बेर और सरीफा के पेड़ बच गए है .
- महिला एवं बाल विकास विभाग परियोजना अधिकारी दर्शनाराव व सुपरवाइजर सरला यादव ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि सर्कल वाइज सर्वोत्तम माता पुरस्कार में महेंद्रगढ़ सर्कल की सरीफा डुलाना प्रथम , सुशीला पायगा द्वितीय व सत्यवती चितलांग तृतीय रही।
- ञ्चसर्कल वाइज सर्वोत्तम माता पुरस्कार में महेंद्रगढ़ सर्कल की सरीफा डुलाना प्रथम भास्कर न्यूज - ! - महेंद्रगढ़ महेंद्रगढ़ के विभिन्न सर्कलों में 7 से 13 नवम्बर तक महिला एवं बाल विकास विभाग खंड महेंद्रगढ़ द्वारा सर्वोत्तम माता पुरस्कार प्रतियोगिता का आयोजन सर्कल स्तर पर करवाया गया।
- महिला संबंधी विचारों की पोषक थीं- पंडिता रमाबाई , रमाबाई रानाडे , अानंदीबाई जोशी , फ़ेकीना सोरण जी , स्वर्ण कुमारी तथा रुस्तम जी फरीदूनजी , हेराबाई टाटा , एममुथ्थुलक्ष्मी रेड्डी , दुर्गाबाई देशमुख , राजकुमारी अमृत कौर , विजय लक्ष्मी पंडित , कमला देवी चट्टोपाध्याय , बेगम सरीफा हामिद अली सरोबजी अादि।
- पूजन सामग्री गन्ना , ठेकुआ ( मीठा पकवान ) , नारियल , गागल ( टाभ ) , सरीफा , पानी वाला सिंघाड़ा , पत्ते वाला अदरक , आ॓ल , केला , सेब , संतरा , सुथनी , मूली , पत्ता वाला हल्दी , अनानास , पान का पत्ता , सुपाड़ी , अलता , साठी के चावल व चिड़वा , कोसी , दीया , ढकनी , सूप , दौउरा , चांदनी ( नया कपड़ा ) बिहार के लोग जहां भी गये अपने साथ छठ की परंपरा को भी ले गए।
- पूजन सामग्री गन्ना , ठेकुआ ( मीठा पकवान ) , नारियल , गागल ( टाभ ) , सरीफा , पानी वाला सिंघाड़ा , पत्ते वाला अदरक , आ॓ल , केला , सेब , संतरा , सुथनी , मूली , पत्ता वाला हल्दी , अनानास , पान का पत्ता , सुपाड़ी , अलता , साठी के चावल व चिड़वा , कोसी , दीया , ढकनी , सूप , दौउरा , चांदनी ( नया कपड़ा ) बिहार के लोग जहां भी गये अपने साथ छठ की परंपरा को भी ले गए।