सुरेणु का अर्थ
[ surenu ]
सुरेणु उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
- संज्ञा के सुरेणु , राज्ञी , द्यौ , त्वाष्ट्री एवं प्रभा आदि अनेक नाम हैं तथा छाया का ही दूसरा नाम निक्षुभा है।
- गंगाद्वार में दक्ष प्रजापति के द्वारा आवाहन करने पर “ सुरेणु ” , कुरूक्षेत्र ब्रह् मर्षि वशिष्ठ के द्वारा आवाहन करने पर “ ओधवती ” नाम से सरस्वती प्रकट हुईं ।
- यथा -सुप्रभा नामक सरस्वती पुष्कर में , कांचनाक्षी सरस्वती नैमिषारण्य में ,प्रयाग सरस्वती गया में , उत्तरकौशल में मनोरमा सरस्वती तथा कुरूक्षेत्र में सुरेणु सरस्वती (ओघवती सरस्वती ) जो दृषद्वती में मिल गई है तथा हिमालय की विमलोद सरस्वती जिसे श्री मद्भागवत में प्राची भागवत भी कहा गया है।
- यथा-सुप्रभा नामक सरस्वती पुष्कर में , कांचनाक्षी सरस्वती नैमिषारण्य में , प्रयाग सरस्वती गया में , उत्तरकौशल में मनोरमा सरस्वती तथा कुरूक्षेत्र में सुरेणु सरस्वती ( ओघवती सरस्वती ) जो दृषद्वती में मिल गई है तथा हिमालय की विमलोद सरस्वती जिसे श्री मद्भागवत में प्राची भागवत भी कहा गया है।