अछेद्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- शेष , महेश, गणेश, दिनेश (सूर्य) और सुरेश (इन्द्र) जिसके गुण निरन्तर गाते हैं, जिसे वेद अनादि, अनन्त, अखंड, अछेद्य, और अभेद बतातेहैं, नारद, शुकदेव और व्यास जैसे मुनि जिसका नाम रटते हैं और प्रयत्न करके भी उसका पार नहीं पाते हैं, उसी (कृष्ण) को अहीरों की कन्यायें कटोरे भर मट्ठे के लिये नाच नचाती हैं।
- हो सकता है कि देह से ले कर मन तक की पता नहीं कितनी सीमाओं के साथ लड़ते जूझते , हर एक का अतिक्रमण करते उन्होंने इस कवच का अर्जन किया हो जो आज अभेद्य अछेद्य सा जान पड़ता है और इस बात की तरफ़ नज़र भी नहीं जाती कि इस कवच की जरूरत उन्हें पड़ी ही क्यों .