अनाप्त का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- और जरा प्रियंवद कि साधना को देखें | उसका समर्पण देखें | क्या कहता है प्रियंवद , राजा को - “ श्रेय नहीं कुछ मेरा / मैं तो डूब गया था स्वयं शून्य में / वीणा के माध्यम से अपने को मैंने सब कुछ को सौंप दिया था / सुना आपने जो वह मेरा नहीं / न वीणा का था / वह तो सब कुछ की तथता थी / महाशून्य / वह महामौन / अविभाज्य , अनाप्त अद्रवित , अप्रमेय जो शब्दहीन सब में गाता है ”