अवहेला का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मिलन की आस तुम्ही से है जब सघन तिमिरमय बेला- ' ' '' ... दीर्घ पावसी काल कहेगा ... '' '' ... कैसे वर्षा काल कटेगा यदि कर दी तुमने अवहेला '' - यानी शुरुआत में जो बादल , तम , वर्षा का वितान तना उसका उचित काव्यात्मक निर्वाह हुआ है ..
- पर , अब और नहीं, अवहेला अधिक नहीं इस स्वर की, ठहरो आवाहन अनंत के, मूक निनद प्राणॉ के! पंख खोल कर अभी तुम्हारे साथ हुआ जाता हूँ दिन-भर लुटा प्रकाश, विभावसु भी प्रदोष आने पर सारी रश्मि समेट शैल के पार उतर जाते हैं बैठ किसी एकांत, प्रांत, निर्जन कन्दरा, दरी में अपना अंतर्गगन रात में उद्भासित करने को तो मैं ही क्यॉ रहूँ सदा ततता मध्याह्न गगन में?
- पर , अब और नहीं , अवहेला अधिक नहीं इस स्वर की , ठहरो आवाहन अनंत के , मूक निनद प्राणॉ के ! पंख खोल कर अभी तुम्हारे साथ हुआ जाता हूँ दिन-भर लुटा प्रकाश , विभावसु भी प्रदोष आने पर सारी रश्मि समेट शैल के पार उतर जाते हैं बैठ किसी एकांत , प्रांत , निर्जन कन्दरा , दरी में अपना अंतर्गगन रात में उद्भासित करने को तो मैं ही क्यॉ रहूँ सदा ततता मध्याह्न गगन में ? नए सूर्य को क्षितिज छोड़ ऊपर नभ में आने दो .
- पर , अब और नहीं , अवहेला अधिक नहीं इस स्वर की , ठहरो आवाहन अनंत के , मूक निनद प्राणॉ के ! पंख खोल कर अभी तुम्हारे साथ हुआ जाता हूँ दिन-भर लुटा प्रकाश , विभावसु भी प्रदोष आने पर सारी रश्मि समेट शैल के पार उतर जाते हैं बैठ किसी एकांत , प्रांत , निर्जन कन्दरा , दरी में अपना अंतर्गगन रात में उद्भासित करने को तो मैं ही क्यॉ रहूँ सदा ततता मध्याह्न गगन में ? नए सूर्य को क्षितिज छोड़ ऊपर नभ में आने दो .