अवहेला का अर्थ
[ avhaa ]
अवहेला उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- / ससुराल में उसकी बड़ी भद्द हुई"
पर्याय: अपमान, अनादर, बेइज्जती, बे-इज्जती, निरादर, तिरस्कार, असत्कार, असम्मान, तौहीन, तोहीनी, जिल्लत, ज़िल्लत, फ़ज़ीअत, फ़ज़ीहत, फजीअत, फजीहत, अवमान, अवमानना, अवमानन, मानध्वंस, मानभंग, पराभव, बेक़दरी, बेकदरी, भद्द, हिक़ारत, हक़ारत, हिकारत, हकारत, हेठी, अधिक्षेप, अपकर्ष, अपचार, अपध्वंस, बेक़द्री, बेकद्री, अपहेला, अपूजा, अप्रतिष्ठा, अभिभव, अमर्यादा, अमानना, अमानत, व्यतीपात, अलीक, अल्पीकरण, अवगणन, अवग्रहण, अवज्ञा, तिरस्क्रिया, अवधीरणा, अवमति, अवलीला, अवहेल, अवहेलन, अवहेलना, अवाङ्ज्ञान, गंजन, गञ्जन, विमानना, परिभाव, परीभाव, उपक्रोश - असावधान रहने की अवस्था या भाव:"असावधानी से सड़क पार करते समय मोहन को एक गाड़ी से ठोकर लग गई"
पर्याय: असावधानी, लापरवाही, बेपरवाही, असावधानता, अचेतपना, सावधानीहीनता, चित्तविक्षेप, अलगरजी, ग़फ़लत, गफलत, अनवधान, अनवधानता, अनाचिती, अमनोनिवेश, अमनोयोग, अवहेलना, अवहेलन - किसी की आज्ञा या बात न मानने की क्रिया या भाव:"बड़ों के आदेश की अवहेलना अनुचित मानी जाती है"
पर्याय: अवहेलना, अवज्ञा, अपालन, हुक्म उदूली, अवहेल, अवहेलन, अनसुना करना, अनसुन करना, अवगणन
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- ' मैं देती हूँ सर्वस्व, छुओ मत, अवहेला
- हिंदी की अवहेला कर अंग्रेजी सिखने में ही लोग ज्यादा ध्यान देते है
- पुलिस ने शासन के आदेशों की अवहेला करने के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया हैं।
- मिट्टी से जो छीन लिया है वह तज देना धर्म नहीं है जीवन साधन की अवहेला कर्मवीर का कर्म नहीं है !
- मिट्टी से जो छीन लिया है वह तज देना धर्म नहीं है , जीवन साधन की अवहेला कर्मवीर का कर्म नहीं है!
- आदेश की अवहेला करने पर संबंधित व्यक्ति को भारतीय दंड सहिता की धारा 188 के तहत एक माह के साधारण कारावास की सजा व 200 रुपए का जुर्माना किया जाएगा।
- उनसे असहमत हुआ जा सकता है पर उनके विचारों की जड़ किस्म की अवहेला या उनसे गैरज़रूरी सतही ज़बांदराज़ी , विमर्श के नुकसान की कीमत पर ही की जा सकती है .
- दिमनी थाना क्षेत्र के ग्राम महिवार का पुरा में निवासरत युवक ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता के अन्तर्गत अपना लाइसेंसी शस्त्र जमा न करते हुए निर्वाचन आयोग के आदेश की अवहेला की।
- अब ना कहेगा जगत , कर्ण को ईश्वरीय भी बल था , जीता वह इसलिए कि उसके पास कवच-कुंडल था . महाराज ! किस्मत ने मेरी की न कौन अवहेला ? किस आपत्ति-गर्त में उसने मुझको नही धकेला ?
- मैं टकटकी लगाये ' पंकिल ' दूर निहार रहा हूँ अम्बर विकल पवन के संग भटकता विलख रहा मेरा अभ्यंतर , कैसे वर्षा काल कटेगा यदि कर दी तुमने अवहेला - वहिर्द्वार पर बैठ प्रतीक्षा करने दी क्यों मुझे अकेला ॥