आस्तिक्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अथवा भारापगम के बाद जो दशा भारावाही की होती है वही मिथ्या अभिप्राय जाने के बाद आत्मा की हो जाती है और उस समय उसके अनुपामक प्रशम , संवेग, अनुकम्पा और आस्तिक्य आदि गुणों का विकास आत्मा में स्वयमेव हो जाता है।
- उन्होंने पूज्य संत सद्गुरु महर्षि में ही परमहंस जी महाराज के महामंत्रों का अनुसरण करने का आह्वान किया और कहा कि तप , संतोष , आस्तिक्य , दान , ईश्वर पूजन , सिद्धांत-श्रवण , लज्जा , विचार और जप ये ही जीवन के मूल व्रत हैं।
- उन्होंने पूज्य संत सद्गुरु महर्षि में ही परमहंस जी महाराज के महामंत्रों का अनुसरण करने का आह्वान किया और कहा कि तप , संतोष , आस्तिक्य , दान , ईश्वर पूजन , सिद्धांत-श्रवण , लज्जा , विचार और जप ये ही जीवन के मूल व्रत हैं।