ईठ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यह बात कुछ उलझन की अवश्य है पर विचार करने पर यह अनुमान दृढ़ हो जाता है कि खुसरो के समय में ' इट्ठ ' , ' बसिट्ठ ' आदि रूप ' ईठ ' ( इष्ट , इट्ठ , ईठ ) , बसीठ ( विसृष्ट , बसिट्ठ , बिसिट्ट , बसीठ ) हो गए थे।
- यह बात कुछ उलझन की अवश्य है पर विचार करने पर यह अनुमान दृढ़ हो जाता है कि खुसरो के समय में ' इट्ठ ' , ' बसिट्ठ ' आदि रूप ' ईठ ' ( इष्ट , इट्ठ , ईठ ) , बसीठ ( विसृष्ट , बसिट्ठ , बिसिट्ट , बसीठ ) हो गए थे।
- यह बात कुछ उलझन की अवश्य है पर विचार करने पर यह अनुमान दृढ़ हो जाता है कि खुसरो के समय में ' इट्ठ ' , ' बसिट्ठ ' आदि रूप ' ईठ ' ( इष्ट , इट्ठ , ईठ ) , बसीठ ( विसृष्ट , बसिट्ठ , बिसिट्ट , बसीठ ) हो गए थे।
- यह बात कुछ उलझन की अवश्य है पर विचार करने पर यह अनुमान दृढ़ हो जाता है कि खुसरो के समय में ' इट्ठ ' , ' बसिट्ठ ' आदि रूप ' ईठ ' ( इष्ट , इट्ठ , ईठ ) , बसीठ ( विसृष्ट , बसिट्ठ , बिसिट्ट , बसीठ ) हो गए थे।
- कांग्रेस के समर्थक अगर मेरे इस लेख को बकवास मानते हैं , तो मैं उनसे सिर्फ एक सवाल पूछना चाहूंगा- क् या कांग्रेस में कोई नेता ऐसा है , जिसे सुनने के लिये लोग पांच रुपए देकर आयें ? अगर है , तो कांग्रेस ईठ का जवाब पत् थर से क् यों नहीं देती ?
- उन्होंने देखा कि बहुत से ऐसे शब्द , जिन्हें बोलचाल से उठे कई सौ वर्ष हो गए थे, कविताओं में बराबर लाए जाते हैं जिसमें वे सर्वसाधारण के लगाव से कुछ दूर पड़ती जाती है 'चक्कवै', 'ठायो', 'करसायल', 'ईठ', 'दिह,' 'लोय' आदि के कारण बहुत से लोग हिंदी कविता की अपने से कुछ दूर की चीज समझने लगे थे ।
- एक जमाना था कि महा संत रहीम दास जी ने कहा कि ” रहिमन निज मन की व्यथा मन में रखिये गोय , सुन ईठ लये लोग सब बाँट ना लये कोई ” समय गुजरा और पुराने लोगो को भ्रम था कि शायद रहीम दास ने सही ना कहा हो ? यह भी मान्यता थी कि दुःख को साथी में जिक्र करने से दुःख हल्का जरुर हो जाता है अगर यह सच ना होता तो लो मातम पोसी में इतने लोग क्यों जाते .