ईद-उल-ज़ुहा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- तथा तीसरी तरह की कुर्बानी अर्थात ईद-उल-ज़ुहा ( बकराईद ) वाली कुर्बानी के लिए अच्छा तरीका यही है कि मांस अथवा पके हुए भोजन के तीन हिस्से किये जाए और उसमें से एक हिस्सा अपने घर वालों के लिए , दूसरा हिस्सा गरीब रिश्तेदारों के लिए तथा तीसरा हिस्सा अन्य गरीब लोगों के लिए निकाला जाए।
- और सुन्नत के अनुसार अन्य तरह के आयोजनों में भोजन के लिए मांसाहार अथवा शाकाहार दोनों में से किसी भी तरीके को अपनाया जा सकता है , लेकिन ईद-उल-ज़ुहा ( बकराईद ) के मौके पर कुर्बानी में केवल कुछ जानवरों के मांस को ही भोजन के लिए प्रयोग करने की इजाज़त है और वह भी कुछ शर्तों के साथ।