उद्भिज्ज का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जैसे तोता दाड़िम के फल को तोड़कर उसके भीतर के बीजों को खा जाता है , वैसे ही यह काल भी इस जगत् में व्याकृतावस्था में स्थित भूतों को ( जरायुज , अण्डज , स्वेदज और उद्भिज्ज भेद से चार प्रकार के प्राणियो को ) नाश द्वारा असत् बनाकर , तोड़-मरोड़कर खा जाता है।।
- जगत में ( अण्डज , स्वेदज , उद्भिज्ज और जरायुज ) चार खानि ( प्रकार ) के अनन्त जीव हैं , इनमें से जो कोई भी अयोध्याजी में शरीर छोड़ते हैं , वे फिर संसार में नहीं आते ( जन्म-मृत्यु के चक्कर से छूटकर भगवान के परमधाम में निवास करते हैं ) ॥ 2 ॥
- जगत में ( अण्डज , स्वेदज , उद्भिज्ज और जरायुज ) चार खानि ( प्रकार ) के अनन्त जीव हैं , इनमें से जो कोई भी अयोध्याजी में शरीर छोड़ते हैं , वे फिर संसार में नहीं आते ( जन्म-मृत्यु के चक्कर से छूटकर भगवान के परमधाम में निवास करते हैं ) ॥ 2 ॥