क्षात्र-धर्म का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उनको देखते ही मेरा क्षात्र-धर्म दीप्त हो उठता है .
- काश आपको क्षात्र-धर्म की याद शुरुआत में ही आ जाती |
- अतएव सर्वप्रथम हमें क्षात्र-धर्म के उत्थान के रूप में सोचना चाहिए।
- सदा समर में डटना ही क्या क्षात्र-धर्म का सार है ?
- मै वह क्षत्राणी हूँ , जो तुम्हे फिर से क्षात्र-धर्म सिखलाने आई हूँ !१०!
- क्षात्र-धर्म अपने को राष्ट्र अथवा राष्ट्रीयता की संकुचित सीमाओं में आबद्ध नहीं रखता।
- ' ' जब लड़ना क्षात्र-धर्म की थाप अर्थात् प्रतिष् ठा है तो इसमें क् या बुराई है।
- छान्दोग्य उपनिषद द्वारा क्षात्र-धर्म की सही परिभाषा जानने के बाद मै अपने को क्षत्रिय नही कह सकता
- इस प्रकार कि बुराइयों और अपूर्णताओं से रहित राष्ट्रवाद क्षात्र-धर्म का ही एक पोषक अंग है .
- लेकिन हम क्षत्राणियों ने कभी विदुला बनकर इन्हें फिर से क्षात्र-धर्म का पालन करने के लिए बाध्य किया है !