गंभारी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इसी तरह गंभारी फल , खजूर एवं मुनक्का को प्रयोग किया जा सकता है।
- शीतपित्त होने पर गंभारी के फल का पावडर मिश्री मिलाकर सवेरे शाम लें .
- गंभारी की जड़ में पीले रंग का गाढ़ा तेल और कुछ बेन्जोइक एसिड होता है।
- गंभारी का फल मुलेठी , लाल चन्दन यह सभी पित्त ज्वर को दूर करते हैं।
- गर्भधारण न होता हो तो , मुलेठी और गंभारी की छाल मिलाकर 5 ग्राम लें .
- बृहत पंचमूल- अरणी , श्योनाक , पादल की छाल , बेल और गंभारी को बृहत पंचमूल कहते हैं।
- अग्निमान्द्य में 3 ग्राम गंभारी की मूल ( जड़ ) का चूर्ण सुबह-शाम सेवन करना लाभकारी होता है।
- गंभारी के पेड़ अधिकतर हिमालय के पर्वतीय प्रदेशों , नीलगिरी तथा पूर्वी और पश्चिमी घाटों मे विशेषकर पाये जाते हैं।
- गंभारी का फल तथा नागकेसर आदि औषधियां टूटी हुई हडि्डयों को जोड़ने वाली और जख्म को भरने वाली होती है।
- गंभारी का फल शक्ति को बड़ाने , वात-पित्त को नष्ट करने , प्यास को दूर करने तथा खून को साफ करने वाली होती है।