नान्दीमुख का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जो पितर किसी योनी में जन्म ले चुके हैं उनका भाग सार रूप से अग्निष्वात , सोमप , आज्यप , बहिर्पद , रश्मिप , उपहूत , आयन्तुन , श्राद्धभुक् , नान्दीमुख नौ दिव्य पितर जो नित्य एवं सर्वज्ञ हैं , ग्रहण करते हैं तथा जीव जिस शरीर में होता है वहाँ उसी के अनुकूल भोग प्राप्ति करा कर उन्हें तृप्त करते हैं।
- जो पितर किसी योनी में जन्म ले चुके हैं उनका भाग सार रूप से अग्निष्वात , सोमप , आज्यप , बहिर्पद , रश्मिप , उपहूत , आयन्तुन , श्राद्धभुक् , नान्दीमुख नौ दिव्य पितर जो नित्य एवं सर्वज्ञ हैं , ग्रहण करते हैं तथा जीव जिस शरीर में होता है वहाँ उसी के अनुकूल भोग प्राप्ति करा कर उन्हें तृप्त करते हैं।