ब्रह्मयोग का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ब्रह्मयोग युक्तात्मा योगेश्वर श्रीकृष्ण ‘ ब्रह्मविद् ब्रह्मणि स्थितः ' ( श्लोक २ ० ) से आगे चलकर यहाँ ‘ ब्रह्मयोगयुक्तात्मा ' की चर्चा करते हैं और फिर यहाँ से चलकर आगे के नौ श्लो कों में ब्रह्मनिर्वाण और उससे प्राप्त होने वाली शांति की चर्चा ( शान्ति निर्वाणपरमां ) करते हैं।