भक्षित का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जैसे भक्षित अन्न का स्थूल भाग मलरूप से बाहर निकल जाता है और उसका सूक्ष्मभाग रस , रक्त , मांस मेद , अस्थि , मज्जा और वीर्य रूप में परिणत होकर शारीरिक पोषण का हेतु बनता है तथा उसका ही सूक्ष्मतर भाग नस्य , आघ्रेय आदि रूपों में परिणत होकर इंद्रिय और मन को परम्परा से अन्ततोगत्वा भोक्ता के चेतन जीव का ' आस्वाद्य ' बन जाता है।