भुजंगप्रयात का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- एक छोटा सा उदाहरणः- ' बहरे-मुतकारिब मुसम्मन ' जिसमें 122 ( फऊलुन ) - 4 बार और संस्कृत वर्ण वृत्त ' भुजंगप्रयात ' में भी 8 प्रति चरण ' यगण ' ( ।ऽऽ ) चार बार होते हैं जिसका अर्थ है कि उर्दू बहर और संस्कृत वृत्त में साम्य है।
- मेरी शुभकामनाएँ नज़्र हैं - जिन्हें न फ़िक्र ग़म की हो न उत्सवों का हौसला वो पीर उनकी क्या हयात-क्या वफ़ात देखिए जो बात-बात में तुनक के गर्दनें उतार लें उन्हीं की बढ़ती जा रही है अब जमात देखिए बदल के बोले नज़्रो-रंगो-नीयतो-इमान वो बदल रही है धीरे-धीरे कायनात देखिए हो शौक़े-शायरी तो मत कलम-दवात देखिए सुख़नवरों ने कैसे क्या कही है बात देखिए सदन में चर्चा है कि क्यों थीं हड्डियाँ क़बाब में अब आज मूसलों के नीचे दाल-भात देखिए सवाल बह्रो-छंद का प्रशंसकों के दिल में है तो इसको छद कहते भुजंगप्रयात देखिए शुभकामनाओं सहित ,