मुश्कबू का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- बहार आई-फैज़ बहार आई तो जैसे एक बार लौट आए हैं फिर अदम से वो ख्ह्वाब सारे , शबाब सारे जो तेरे होंठों पे मर मिटे थे जो मिट के हर बार फिर जिए थे निखर गये हैं गुलाब सारे जो तेरी यादों से मुश्कबू हैं जो तेरे उश्शाक का लहू हैं उबल पड़े हैं अज़ाब सारे मलाल-ए-अहवाल-ए-दोस्तां भी खुमार-ए-आगोश-ए-महवशां भी गुबार-ए-खातिर के बाब सारे तेरे हमारेसवाल सारे, जवाब सारे बहार आई तो खुल गये हैं नये सिरे से हिसाब सारे।
- बहार आई तो जैसे एक बार लौट आए हैं फिर अदम से वो ख़्वाब सारे , शबाब सारे जो तेरे होंठों पे मर मिटे थे जो मिट के हर बार फिर जिए थे निखर गए हैं गुलाब सारे जो तेरी यादों से मुश्कबू हैं जो तेरे उश्शाक़ का लहू हैं उबल पड़े हैं अज़ाब सारे मलाले-अहवाले-दोस्ताँ भी ख़ुमारे-आग़ोशे-महवशाँ भी ग़ुबारे-ख़ातिर के बाब सारे तेरे हमारे सवाल सारे , जवाब सारे बहार आई तो खुल गए हैं नए सिरे से हिसाब सारे
- बहार आई तो जैसे एक बार लौट आये हैं फिर अदम * से वो ख़्वाब सारे , शबाब सारे जो तेरे होंठों पे मर मिटे थे जो मिट के हर बार फिर जिये थे निखर गये हैं गुलाब सारे जो तेरी यादों से मुश्कबू * हैं जो तेरे उश्शाक़ * का लहू हैं उबल पड़े हैं अज़ाब * सारे मलाल-ए-एहवाल-ए-दोस्ताँ * भी ख़ुमार-ए-आग़ोश-ए-महवशां * भी गुबार-ए-ख़ातिर के बाब * सारे तेरे हमारे सवाल सारे, जवाब सारे बहार आई तो खुल गये हैं नये सिरे से हिसाब सारे !