अमृतानुभव वाक्य
उच्चारण: [ ameritaanubhev ]
उदाहरण वाक्य
- यह अमृतानुभव किसी के उपदेशों से, देहदंड से, कामोभोग की तृप्ति से अथवा किसी के चरणों में अपने जीवन अस्तित्व को समर्पित करने से प्राप्त नहीं होता।
- ज्ञानेश्वरजी की ज्ञानदेवी, अमृतानुभव, एकनाथजी की भागवत की टीका, भावार्थ रामायण, स्वात्मानुभव, नामदेवजी के अभंग, कबीरजी के पद आदि का तुकारामजी ने परिशीलन किया ।
- वह विस्मित थे ओर सोच रहे थे-' ' कौन है यह संत ज्ञानेश्वर, जिसकी ‘ ज्ञानेश्वरी ' एवं ‘ अमृतानुभव ' नामक रचनाएँ इतनी प्रसिद्ध एवं विख्यात हो गई है कि भारतीय जनमानस उनसे उद्वेलित, आंदोलित एवं आनंदित हो रहा है?
- ज्ञानदेव ने अमृतानुभव में महाराष्ट्र का दृष्टांत दिया है-पर्वत कुरेदकर देव, मंदिर आदि बनाया, भक्ति का भी ऐसा व्यवहार क्यों न हो? उनका कहना है कि जब एक ही पत्थर को तराशकर उसी का मंदिर, उस मंदिर में गढ़ी हुई भगवान की मूर्ति और उसके सामने पत्थर के ही फूल बनाए गए हैं, तो भक्ति भी ऐसी ही हो।