प्रस्थानत्रयी वाक्य
उच्चारण: [ persethaanetreyi ]
उदाहरण वाक्य
- प्रस्थानत्रयी के अंतर्गत तीन शीर्ष ग्रन्थ आते है, गीता, उपनिषद् एवं ब्रह्मसूत्र।
- स्वामी रामानंद ने प्रस्थानत्रयी पर विशिष्टाद्वैत सिद्धांतनुगुण स्वतंत्र आनंद भाष्य की रचना की.
- इसे वेदान्त की प्रस्थानत्रयी के ग्रन्थ श्रीमद्भगवत गीता में समुचित रूप से समझाया गया है।
- प्रस्थानत्रयी के भाष्यकार ब्रह्मसाक्षात्कार हेतु तीन मार्ग बताते है, ज्ञान, भक्ति एवं कर्म।
- दूधनाथ जी के अनुसार सारा मध्यकालीन साहित्य वेदान्त के त्रिकोण (प्रस्थानत्रयी) पर टिका है।
- “और एक हम हैं कि ”आत्मन्येवात्मनातुष्ट: ” छाप प्रस्थानत्रयी से श्लोकांश ठेल रहे हैं, इम्प्रेस करने को!
- इन आचार्यों ने प्रस्थानत्रयी पर जो भाष्य प्रस्तुत किए, भक्ति के विकास में उनका प्रमुख योग है।
- वल्लभ-सम्प्रदाय में तो उसे प्रस्थानत्रयी के साथ सम्मिलित करके ' प्रस्थानचतुष्टय' नाम से भक्ति-धर्म का आकार माना गया है।
- इसी कारण अन्य आचार्यों ने भी प्रस्थानत्रयी के साथ साथ भागवत को भी अपने मत का आधार बनाया।
- वल्लभाचार्य के भाष्य के पश्चात् पाँच सौ वर्षों तक संस्कृत में प्रस्थानत्रयी पर कोई भाष्य नहीं लिखा गया।