रतिमंजरी वाक्य
उच्चारण: [ retimenjeri ]
उदाहरण वाक्य
- रीतिकालीन कवियों ने ‘ गीतगोविंद ' और ‘ रतिमंजरी ' जैसी कृतियों में कामसूत्र की मनोहारी छवियां भी प्रस्तुत की हैं.
- जयदेव कृत रतिमंजरी:-६ ० श्लोकों में निबद्ध अपने लघुकाय रूप में निर्मित यह ग्रंथ आलोचकों में पर्याप्त लोकप्रिय रहा है।
- (२) रतिमंजरी:-आचार्य जयदेव द्वारा विरचित एवं अपने लघुकाय कलेवर के कारण प्रसिद्ध इस ग्रन्थ का बृहद् समालोचनात्मक भाष्य डा० संकर्षण त्रिपाठी द्वारा किया गया है।
- इनमें अनंगरंग, कंदर्प, चूड़ामणि, कुट्टिनीमत, नागर सर्वस् व, पंचसायक, रतिकेलि कुतूहल, रतिमंजरी, रहिरहस् य, रतिरत् न प्रदीपिका, स् मरदीपिका, श्रृंगारमंजरी आदि प्रमुख हैं.
- रीतिकालीन कवियों ने कामसूत्र की मननोहारी झांकियां प्रस्तुत की हैं तो गीत गोविन्द के गायक जयदेव ने अपनी लघु पुस्तिका ‘ रतिमंजरी ' में कामसूत्र का सार संक्षेप प्रस्तुत कर अपने काव्य कौशल का अद्भुत परिचय दिया है [तथ्य वांछित] ।
- कामशास् त्र पर वात् स् यायन के ‘ कामसूत्र ' के अतिरिक् त ‘ नागर सर्वस् व ', ‘ पंचसायक ', ‘ रतिकेलि कुतूहल ', ‘ रतिमंजरी ', ‘ रतिरहस् य ' आदि ग्रंथ भी अपने उद्देश् य में काफी सफल रहे.
- छोटे मोटे सब मिलाकर इनके लगभग चालीस ग्रंथ मिले हैं जिनके नाम ये हैं वृंदावनसत, सिंगारसत, रसरत्नावली, नेहमंजरी, रहस्यमंजरी, सुखमंजरी, रतिमंजरी, वनविहार, रंगविहार, रसविहार, आनंददसाविनोद, रंगविनोद, नृत्यविलास, रंगहुलास, मानरसलीला, रहसलता, प्रेमलता, प्रेमावली, भजनकुंडलिया, भक्तनामावली, मनसिंगार, भजनसत, प्रीतिचौवनी, रसमुक्तावली, बामन बृहत् पुराण की भाषा, सभा मंडली, रसानंदलीला, सिध्दांतविचार, रसहीरावली, हित सिंगार लीला, ब्रजलीला, आनंदलता, अनुरागलता, जीवदशा, वैद्यलीला, दानलीला, व्याहलो।