लीलटांस वाक्य
उच्चारण: [ liletaanes ]
उदाहरण वाक्य
- राजस्थानी काव्य संग्रह लीलटांस के लिए साहित्य अकादमी सहित देश की असंख्य संस्थाओं ने उन्हे सम्मानित किया था किन्तु वे जिस के सम्मान की बात उम्रभर करते रहे उसका अभी तक कुछ नहीं हुआ ।
- लीलटांस ' को 1976 में साहित्य अकादमी द्वारा राजस्थानी भाषा की उस वर्श की सर्वश्रेष्ठ कृति के रूप में पुरस्कृत किया गया एवं ‘ निर्ग्रन्थ ' पर भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा ज्ञानपीठ का ‘ मूर्तिदेवी पुरस्कार ' मिला।
- रमणियां रा सोरठा, गळगचिया, मींझर, कूंकंऊ, लीलटांस, धर कूंचा धर मंजळां, मायड़ रो हेलो, सबद, सतवाणी, अघरीकाळ, दीठ, क क्को कोड रो, लीकलकोळिया एवं हेमाणी
- रमणिया रा सोरठा, गळगचिया, मींझर, कूंकूं, लीलटांस, धर कूंचां धर मजलां, मायड़ रो हेलो, सबद, सतवाणी, अघोरी काळ, दीठ, लीकलकोळिया व हेमाणी इनके राजस्थानी कविता संग्रह हैं।
- ' लीलटांस ', ' निर्ग्रन्थ ' एवं ' सबद ' ग्रन्थ क्रमशः साहित्य अकादमी, राजस्थानी अकादमी द्वारा सर्वोच्च पुरस्कारों से पुरस्कृत श्री कन्हैयालाल सेठिया जी को वर्ष २००७ में अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन ने सम्मानित करने का निर्णय लिया है।
- ' लीलटांस ', ' निर्ग्रन्थ ' एवं ' सबद ' ग्रन्थ क्रमशः साहित्य अकादमी, भारतीय ज्ञानपीठ एवं राजस्थानी अकादमी द्वारा सर्वोच्च पुरस्कारों से पुरस्कृत श्री कन्हैयालाल सेठिया जी को वर्ष 2007 में अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन ने सम्मानित करने का निर्णय लिया है।
- हिन्दी में आपकी 15 ग्रन्थ-बनफूल, अग्निवीणा, मेरा युग, दीपकिरण, प्रतिबिम्ब, आज हिमालय बोला, खुली खिड़कियां चौड़े रास्ते, प्रणाम, मर्म, अनाम, निर्ग्रन्थ, स्वगत, देह-विदेह और आकाश गंगा, राजस्थानी में-मींझर, गळगचिया, कूंकूं, धर कूंचा धर मजलां, लीलटांस एवं रमणिये रा सोरठा सहित 10 ग्रन्थ, उर्दू में ‘ताजमहल' एवं अंग्रेजी में ‘रिफलेक्शन्स इन ए मिरर'
- दर्शन पर आधारित उनकी रचनाओं में ‘ प्रणाम ', ‘ मर्म ', ‘ अनाम ', ‘ निर्ग्रन्थ ', ‘ देह-विदेह ' एवं ‘ निष्पत्ति ' (हिन्दी में) तथा ‘ कूंकूं ', ‘ लीलटांस ', ‘ दीठ ' एवं ‘ कक्को कोड रो ' ‘ लीक लकोळिया ' (राजस्थानी) रचनाएँ हैं।
- हिन्दी में आपकी 15 ग्रन्थ-बनफूल, अग्निवीणा, मेरा युग, दीपकिरण, प्रतिबिम्ब, आज हिमालय बोला, खुली खिड़कियां चौड़े रास्ते, प्रणाम, मर्म, अनाम, निर्ग्रन्थ, स्वगत, देह-विदेह और आकाश गंगा, राजस्थानी में-मींझर, गळगचिया, कूंकूं, धर कूंचा धर मजलां, लीलटांस एवं रमणिये रा सोरठा सहित 10 ग्रन्थ, उर्दू में ‘ ताजमहल ' एवं अंग्रेजी में ‘ रिफलेक्शन्स इन ए मिरर ' (अनुवाद) प्रकाशित हुए हैं।
- आपकी दो दर्जन से अधिक काव्य-रचनाओं में प्रमुख हैं-हिन्दी काव्य कृतियाँ ‘ वनफूल ', ‘ मेरा युग ', ‘ अग्निवीणा ', ‘ प्रतिबिम्ब ', ‘ अनाम ', ‘ निर्गन्थ ', ‘ दीपकिरण ', ‘ मर्म ', ‘ आज हिमालय बोला ', ‘ खुली खिड़कियाँ चौड़े रास्ते ', ‘ प्रणाम ', ‘ त्रयी ' आदि और राजस्थानी काव्य-कृतियाँ हैं-‘ मींझर ', ‘ गलगचिया ', ‘ रमणिये रा सोरठा ', ‘ धर कूंचा धर मजलाँ ', ‘ कूँ कूँ ', ‘ लीलटांस ' आदि।