निर्बीज समाधि वाक्य
उच्चारण: [ nirebij semaadhi ]
उदाहरण वाक्य
- निर्बीज समाधि की स्थिति में संसार के विषय भोग वासनाओं के चित्त में संस्कार भी नहीं रहते, संस्कारों के बीज सहित नाश होने पर सब वृत्तियों का पूर्ण निरोध हो जाता है।
- संस्कार रहने तक व्यक्ति एक निश्चित संबंध से निश्चित समय तक आबद्ध रहता है, छुट नहीं पाता हैं इसका संपूर्ण शमन, केवल निर्बीज समाधि में ही संभव होता है '' ।
- एक दिन चांगदेव ने कहा-' ' हे गुरूदेव! संस्कार एवं कर्मफल में क्या अंतर है एवं इसका विज्ञान-विधान क्या है, जिससे कि उससे पर पाकर निर्बीज समाधि में अवस्थित हुआ जा सकें ''
- जब साधक सबीज और निर्बीज समाधि के क्रम से कैवल्य को प्राप्त कर लेता हैतब सभी पंचभूतों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश) पर उसका अधिकार होजाता है और इससे उसे आठ प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त हो जाती हैं.
- यहाँ मैं इस लेख में केवल यह ही कहना चाहूँगा कि जो लोग इनमें असत्य या गलत बातों का आरोप लगाते हैं वे इस बात का आत्म-मंथन अवश्य करें कि वेद-भाष्य करने वाला या वेदों पर पुस्तक लिखने वाला किस स्तर, मानसिकता और कितना ज्ञान रखता है क्योंकि वेदों में भी और सभी प्रामाणिक वैदिक ग्रन्थों में वेद भाष्य का अधिकार केवल ध्यान अवस्था की उच्चतम अवस्था सबीज या निर्बीज समाधि तक पहुँचने वाले इंसान को ही दिया है.
- यहाँ मैं इस लेख में केवल यह ही कहना चाहूँगा कि जो लोग इनमें असत्य या गलत बातों का आरोप लगाते हैं वे इस बात का आत्म-मंथन अवश्य करें कि वेद-भाष्य करने वाला या वेदों पर पुस्तक लिखने वाला किस स्तर, मानसिकता और कितना ज्ञान रखता है क्योंकि वेदों में भी और सभी प्रामाणिक वैदिक ग्रन्थों में वेद भाष्य का अधिकार केवल ध्यान अवस्था की उच्चतम अवस्था सबीज या निर्बीज समाधि तक पहुँचने वाले इंसान को ही दिया है.