मनोविश्लेषणवाद वाक्य
उच्चारण: [ menovishelesenvaad ]
उदाहरण वाक्य
- कुछ ऐसी हैं जो परंपरावादी पूर्वी या पश्चिमी साँचे में ढली हैं, कुछ पश्चिम के स्वच्छंदतावादी, कलावादी, दादावादी, भविष्यवादी या अस्तित्ववादी सिद्धांतों से जुड़ी हैं और कुछ या तो फ्रायड के मनोविश्लेषणवाद अथवा मार्क्स के सामाजिक यथार्थवादी दर्शन से संबद्ध हैं।
- कुछ ऐसी हैं जो परंपरावादी पूर्वी या पश्चिमी साँचे में ढली हैं, कुछ पश्चिम के स्वच्छंदतावादी, कलावादी, दादावादी, भविष्यवादी या अस्तित्ववादी सिद्धांतों से जुड़ी हैं और कुछ या तो फ्रायड के मनोविश्लेषणवाद अथवा मार्क्स के सामाजिक यथार्थवादी दर्शन से संबद्ध हैं।
- से हुआ. फ्रायड ने जोसेफ ब्रियुवर के साथ शोधपत्र “स्टडीज इन हिस्टीरिया” लिखा. “स्टडीज इन हिस्टीरिया” एक रोगी के विश्लेषण पर आधरित था, जिसका काल्पनिक नाम “अन्ना ओ” था. यह माना जाता है कि इसी शोधपत्र में मनोविश्लेषणवाद के बीज छिपे हुए थे.
- इसलिए इसमें कोई समस्या न थी कि प्रेमचंदोत्तर उपन्यास-विकास का आख्यान लिखते हुए मनोविश्लेषणवाद को बहुत ज्याादा तूल न देकर मनोवैज्ञानिक उपन्यास के कुछ सामान्य अभिलक्षणों का ख़ाका तैयार किया जाता और जैनेन्द्र, अज्ञेय, इलाचंद्र जोशी तथा देवराज को उसमें स्थान दिया जाता।
- इसलिए इसमें कोई समस्या न थी कि प्रेमचंदोत्तर उपन्यास-विकास का आख्यान लिखते हुए मनोविश्लेषणवाद को बहुत ज्याादा तूल न देकर मनोवैज्ञानिक उपन्यास के कुछ सामान्य अभिलक्षणों का ख़ाका तैयार किया जाता और जैनेन्द्र, अज्ञेय, इलाचंद्र जोशी तथा देवराज को उसमें स्थान दिया जाता।
- हिंदी की आधुनिक कविता भी जब तक समाजवाद, मनोविश्लेषणवाद और अस्तित्ववाद का काव्यानुवाद भर करती रही, तब तक वह असंप्रेषणीय ही बनी रही, परंतु जब कवियों ने इन विचारों को आत्मसात करके भारतीय लोकचेतना के साथ इनका सामंजस्य स्थापित किया तथा सैद्धांतिक नामजप को छोड़कर लौकिक सहजसमाधि का मार्ग अपनाया, तो लोकचेतना का जादू विचारधाराओं के भी सिर पर चढ़कर बोलने लगा।
- सन् 1881 में फ्रायड ने वियना विश्व विद्यालय से एम. डी (M.D) की उपाधि प्राप्त की. इससे ठीक थोड़े से वक्त पहले फ्रायड का संपर्क जोसेफ ब्रियुवर (Joseph Breuer) से हुआ. फ्रायड ने जोसेफ ब्रियुवर के साथ शोधपत्र “स्टडीज इन हिस्टीरिया” लिखा. “स्टडीज इन हिस्टीरिया” एक रोगी के विश्लेषण पर आधरित था, जिसका काल्पनिक नाम “अन्ना ओ” था. यह माना जाता है कि इसी शोधपत्र में मनोविश्लेषणवाद के बीज छिपे हुए थे.