ख़्वाजा अहमद अब्बास वाक्य
उच्चारण: [ khaajaa ahemd abebaas ]
उदाहरण वाक्य
- कि ख़्वाजा अहमद अब्बास की फ़िल्म ' चार दिल चार राहें ' में राज कपूर और मीना कुमारी के अलावा इस फ़िल्म में पुराने दौर के संगीतकार बद्रीप्रसाद की भी बतौर अभिनेता एक प्रमुख भूमिका थी।
- क्या आप जानते हैं... कि ख़्वाजा अहमद अब्बास की फ़िल्म 'चार दिल चार राहें' में राज कपूर और मीना कुमारी के अलावा इस फ़िल्म में पुराने दौर के संगीतकार बद्रीप्रसाद की भी बतौर अभिनेता एक प्रमुख भूमिका थी।
- ” यह तो थी ' दो बीघा ज़मीन ' और ' रिक्शावाला ' की बात, लेकिन ऐसा भी कहा गया है कि ' दो बीघा ज़मीन ' ख़्वाजा अहमद अब्बास की कहानी पर बनी फ़िल्म ' धरती के लाल ' से भी प्रेरित था।
- मृणाल सेन, मणि कौल, कुमार शाहनी, दो नोँ बासु (भट्टाचार्य, चटर्जी), बाबूराम इशारा, अरुण कौल, निर्माता के रूप मेँ शै लेँ द्र (तीसरी क़सम), ख़्वाजा अहमद अब्बास आदि अपनी अपनी तरह फ़िल्म बना रहे थे.
- और आइए अब सुना जाए मीना कपूर की आवाज़ में यह थिरकता मचलता होली गीत फ़िल्म ' चार दिल चार राहें' से। क्या आप जानते हैं...कि ख़्वाजा अहमद अब्बास की फ़िल्म 'चार दिल चार राहें' में राज कपूर और मीना कुमारी के अलावा इस फ़िल्म में पुराने दौर के संगीतकार बद्रीप्रसाद की भी बतौर अभिनेता एक प्रमुख भूमिका थी।
- जिस तरह दिल की रानी में कविता को छप-माध्यम की ज़रूरत और रेडियो-ग्रामोफ़ोन जैसे बाक़ी माध्यमों पर उसकी मौजूदगी साफ़ है, और इसमें आप बदलते वक़्त की निशानियाँ पढ़ सकते हैं, उसी तरह आपसी अनेकता की समस्या से निबटकर गोवा को आज़ाद कराने वालों की कहानी पर बनी ख़्वाजा अहमद अब्बास की फ़िल्म सात हिन्दुस्तानी (1969) में आप अमिताभ बच्चन को राँची के शायर अनवर की भूमिका में देखते हैं।
- देखिए कैसे कैसे आदमी उन्होने चुने, लेखन के लिए ख़्वाजा अहमद अब्बास, रामानंद सागर, इंदर राज आनंद, शैलेन्द्र, हसरत जयपुरी, ' फ़ोटोग्राफी ' मे जल मिस्त्री, राधू परमारकर, तरु दत्त, ' आर्ट डिरेक् शन ' मे आचरेकर, ' साउंड रिकॉर्डिंग ' मे अल्लाउद्दिन, और ' लास्ट बट नौट द लीस्ट ' ' म्युज़िक ' मे शंकर जयकिशन और लता मंगेशकर ।
- जिस तरह दिल की रानी में कविता को छप-माध्यम की ज़रूरत और रेडियो-ग्रामोफ़ोन जैसे बाक़ी माध्यमों पर उसकी मौजूदगी साफ़ है, और इसमें आप बदलते वक़्त की निशानियाँ पढ़ सकते हैं, उसी तरह आपसी अनेकता की समस्या से निबटकर गोवा को आज़ाद कराने वालों की कहानी पर बनी ख़्वाजा अहमद अब्बास की फ़िल्म सात हिन्दुस्तानी (1969) में आप अमिताभ बच्चन को राँची के शायर अनवर की भूमिका में देखते हैं।
- यह कहना कहीं से गलत न होगा की गुलज़ार साहब उब परम्परा के चमकते हुए नगीने है जिसमें ख़्वाजा अहमद अब्बास, राजेन्द्र सिंह बेदी, सआदत हसन मंटो, कृष्ण चन्दर, शैलेन्द्र, बलराज साहनी, शुम्भु मित्र, गिरीश कर्नाड, विजय तेण्डुलकर, डॉ. राही मासूम रजा, ज़ाँनिसार अख़्तर और पं. सत्यदेव दुबे जैसे नाम शामिल हैं, जिन्होंने सिनेमा माध्यम को गहराई से समझ कर न सिर्फ़ उसे अभिनवता प्रदान की, बल्कि स्वयं की लेखकीय रचनात्मकता को भी अपने-अपने ढंग से समृद्ध किया.