आर्यासप्तशती वाक्य
उच्चारण: [ aareyaaseptesheti ]
उदाहरण वाक्य
- आर्यासप्तशती संस्कृत में मुक्तक गीति-कविताओं वाली एक कृति है।
- अत: यह कहना कठिन है कि उपलब्ध आर्यासप्तशती क्षेपकों से रहित है।
- आर्यासप्तशती नामक मुक्तक कविताओं का संग्रह गोवर्धन की कृति मानी जाती है।
- संस्कृत में गोवर्धनाचार्य (11वीं-12वीं शती) ने इसी के अनुकरण पर आर्यासप्तशती की रचना की।
- परंतु इससे यह नहीं समझना चाहिए कि आर्यासप्तशती, गाथासप्तशती का संस्कृत अनुवाद मात्र है।
- आर्यासप्तशती में ही यह उल्लेख मिलता है कि जो शृंगाररस की धारा प्राकृत में ही उपलब्ध थी उसको संस्कृत मे अवतरित करने के लिये यह प्रयास किया गया है।
- गाथा सप्तशती और आर्यासप्तशती द्वारा श्रृंगार की जो परंपरा चली थी उसी परंपरा से भावित विद्यापति ने भी मुक्तक काव्य शैली में राधा-कृष्ण की प्रेम लीला को माध्यम बनाकर श्राृंगारिक भावनाओं को अभिव्यक्त किया है।
- गाथा सप्तशती और आर्यासप्तशती द्वारा श्रृंगार की जो परंपरा चली थी उसी परंपरा से भावित विद्यापति ने भी मुक्तक काव्य शैली में राधा-कृष्ण की प्रेम लीला को माध्यम बनाकर श्राृंगारिक भावनाओं को अभिव्यक्त किया है।
- ' आर्यासप्तशती ' और ' गाथासप्तशती ' के बहुत से पद्यों के साथ बिहारी के दोहों का पूरा पूरा मेल दिखाकर शर्माजी ने बड़ी विद्वता के साथ एक चली आती हुई साहित्यिक परंपरा के बीच बिहारी को रखकर दिखाया।
- तू मोहन कैं उर बसी, ह्वै उरबसी समान बिहारी के बहुत से दोहे ' आर्यासप्तशती ' और ' गाथासप्तशती ' की छाया लेकर बने हैं, इस बात को पं. पद्मसिंह शर्मा ने विस्तार से दिखाया है।
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