आर्योद्देश्यरत्नमाला वाक्य
उच्चारण: [ aareyodedesheyretnemaalaa ]
उदाहरण वाक्य
- सत्यार्थ प्रकाश · आर्योद्देश्यरत्नमाला · व्यवहारभानु · गोकरुणानिधि · · स्वीकारपत्र
- आर्योद्देश्यरत्नमाला आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा संवत १९२५ (१८७३ ईसवीं) में रचित एक लघु पुस्तिका है।
- १८७३ में आर्योद्देश्यरत्नमाला नामक पुस्तक प्रकाशित हुई जिसमें स्वामी जी ने एक सौ शब्दों की परिभाषा वर्णित की है।
- १८७३ में आर्योद्देश्यरत्नमाला नामक पुस्तक प्रकाशित हुई जिसमें स्वामी जी ने एक सौ शब्दों की परिभाषा वर्णित की है।
- आर्योद्देश्यरत्नमाला आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा संवत १९२५ (१८७३ ईसवीं) में रचित एक लघु पुस्तिका है।
- १ ८ ७ ३ में आर्योद्देश्यरत्नमाला नामक पुस्तक प्रकाशित हुई जिसमें स्वामी जी ने एक सौ शब्दों की परिभाषा वर्णित की है।
- मैंने विकिस्रोत पर प्रारंभ से आर्योद्देश्यरत्नमाला और गोकरुणानिधि टंकित व प्रकाशित करने के बाद पाया कि यहाँ पर यह काम पहले ही हो चुका है।
- लेकिन आर्योद्देश्यरत्नमाला मे लिखा है-”38़ जाति-जो जन्म से लेकर मरणपर्यन्त बनी रहे, जो अनेक व्यक्तियों में एकरूप से प्राप्त हो, जो ईश्वरकृत अर्थात् मनुष्य, गाय, अश्व और वृक्षादि समूह हैं, वे ‘जाति' शब्दार्थ से लिए जाते हैं।
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