अनखिला का अर्थ
[ anekhilaa ]
अनखिला उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषणउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- सब अनखिला खिला देता है उसका मधु दुलार निर्झर
- उन्हें देखकर ऐसे ही लगता है कि कोई जीवन अनखिला ही डूब गया है।
- एक मैं था एक दीया था कुछ अनखिला सा उस रात खिला था लेकिन शब्दों की भरमार थी
- छत्तीसगढ़ के लिये उनके हृदय में भावनाओं का सागर लहराता है -मेरे बारुदी आंगन में बरसो प्रेम के बादल , अनखिला न फूल मरे कोई, चमके धरती के तारे।
- छत्तीसगढ़ के लिये उनके हृदय में भावनाओं का सागर लहराता है -मेरे बारुदी आंगन में बरसो प्रेम के बादल , अनखिला न फूल मरे कोई, चमके धरती के तारे।
- धर्म के बिना समस्त युवक बंधे हुए सांडों के समान हैँ समस्त युवतियाँ अच्छी सुन्दर गउओं के समान है धर्म के अभाव में यौवन स्वयं एक अनखिला पुष्प है।
- मृदु गलबहियाँ दे बन जाता हार तुम्हारा वह मधुकर सब अनखिला खिला देता है उसका मधु दुलार निर्झर उसकी बाँहों की डाली में रसमय झूला झूल नवल टेर रहा ऋतुराजनियोगा मुरली तेरा मुरलीधर।।187।।
- ना किसी के वादों में , ना किसी की यादों में,बादल हूँ मैं आवारा, लगता हूँ मैं बंजारा, कटी पतंग की उझली डोर, न मैं शाम न मैं भोर,वक़्त की मैं मज़बूरी, अधूरी वस्तु नहीं पूरी, समंदर की गुजरी लहर, बंजर से बसा शहर, मोहोब्बत की शिकायत हूँ, बड़ी जालिम बगावत हूँ, लम्हों की शराफत हूँ, एक पल की आफत हूँ, बीरानों में खड़ी मंजिल, दर्द हूँ एक मुस्किल, बिखरी रास्तों की धूल, मैं अनखिला एक फूल,भटकता एक फ़कीर हूँ, मिट गयी सी लकीर हूँ.....