आस्रव का अर्थ
[ aaserv ]
आस्रव उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- / उनकी दुर्दशा देखकर बड़ी कोफ़्त होती है"
पर्याय: दुख, दुःख, तक़लीफ़, तकलीफ, कष्ट, दुख-दर्द, क्लेश, परेशानी, पीड़ा, आपत्, आपद्, आपद, कोफ़्त, कोफ्त, आफ़त, बला, आफत, अघ, कसाला, अनिर्वृत्ति, तसदीह, तस्दीह, दुहेक, वृजिन, दोच, दोचन, अरिष्ट, अलिया-बलिया, अक, अलाय-बलाय, अवसन्नता, अवसन्नत्व, अवसेर, असुख, अशर्म, आदीनव, आभील, आर्त्तत, आर्त्ति, आस्तव, ताम, इज़्तिराब, इज्तिराब, इज़तिराब, इजतिराब, ईज़ा, ईजा, ईति - मन में उत्पन्न होनेवाला विकार:"मनोविकार के कारण मन अशांत रहता है"
पर्याय: मनोविकार, मनोविकृति, मनोवेग, मनोमल, यति, अंतर्मल, अन्तर्मल, अंतर्विकार, अन्तर्विकार, अग्नि - वह बड़ी नाली जिससे वर्षा का पानी या मैला पानी आदि बहता है:"इस नाले का पानी शहर से दूर एक नदी में जाकर गिरता है"
पर्याय: नाला, पनाला, परनाला, गटर, पतनाला, पतनारा, पंडरा, आस्तव - पकते चावल के ऊपर का झाग या फेन:"आस्रव बटुए से बाहर गिर रहा है"
- जैनधर्म के अनुसार आत्मा की शुभ और अशुभ गतियाँ:"कर्म के अनुसार आस्रव का निर्धारण होता है"
- वह फोड़ा या घाव जिससे पीब, रक्त आदि बहता हो:"आस्रव पर पट्टी बाँधने के बाद भी स्राव रुक नहीं रहा है"
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- और चौथा आस्रव है- अविद्यास्राव - मैं हूँ।
- जीव , अजीव, आस्रव, बन्ध, संवर, निर्जरा, मोक्ष, पुण्य, पाप।
- जीव , अजीव, आस्रव, बन्ध, संवर, निर्जरा, मोक्ष,
- कर्मों की आमद को आस्रव कहतें हैं।
- केवल योग जन्य आस्रव भाव होता है।
- कर्मों की आमद को आस्रव कहतें हैं।
- आस्रव होने से बंध ( संसार) होता है।
- मानस वाणी और काया से , आस्रव का द्वार खुला रहता।
- मानस वाणी और काया से , आस्रव का द्वार खुला रहता।
- यह “ आस्रव ” कहलाता है।