ईश्वरप्रणिधान का अर्थ
[ eeshevreprenidhaan ]
ईश्वरप्रणिधान उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- योग के पाँच प्रणिधानों में से एक जिसे प्रगाढ़ समाधि योग भी कहते हैं:"ईश्वरप्रणिधान में मनुष्य ईश्वर पर संपूर्ण श्रद्धा के साथ स्वयं को उसके चरणों में अर्पित कर देता है"
पर्याय: ईश्वर-प्रणिधान, ईश्वर प्रणिधान
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- ईश्वरप्रणिधान से ( समाधि की सिद्धि शीघ्र होती है)।
- जिसकी प्राप्ति सूफी एकमात्र ' ईश्वरप्रणिधान '
- जिसकी प्राप्ति सूफी एकमात्र ' ईश्वरप्रणिधान '
- स्वाध्याय और ईश्वरप्रणिधान , नियमाः - (ये पाँच)
- शौच , संतोष , तप , स्वाध्याय और ईश्वरप्रणिधान , ( ये पाँच ) नियम हैं।
- इसके लिये आठ योगांगों के दृढ़ व निरंतर अनुष्ठान के साथ ईश्वरप्रणिधान , प्रणवजप आदि आवश्यक साधन हैं।
- अपने आपको और अपने द्वारा कियेजानेवाले कार्यों को सर्वात्मना ईश्वर के लिये अर्पण करदेना ' ईश्वरप्रणिधान ' है।
- अपने आपको और अपने द्वारा कियेजानेवाले कार्यों को सर्वात्मना ईश्वर के लिये अर्पण करदेना ' ईश्वरप्रणिधान ' है।
- साधनपाद के प्रारम्भिक सूत्रों द्वारा आचार्य ने बताया है कि तप , स्वाध्याय , और ईश्वरप्रणिधान क्लेशों को शिथिल करने के लिये सर्वश्रेष्ठ उपाय हैं।
- ईश्वरप्रणिधान = सर्वव्यापक , सर्वज्ञ ईश्वर मुझे देख रहा है यह भावना मन में बनाकर प्रत्येक कार्य को ईश्वर के सामने समर्पित करना और उसका लौकिक फल न चाहना, उपर्युक्त तीन क्रियाएँ योग का साधन