ऋत का अर्थ
[ rit ]
ऋत उदाहरण वाक्यऋत अंग्रेज़ी में
परिभाषा
विशेषण- / पूजित मूर्ति पर दूध, दही,शक्कर आदि चढ़ा है"
पर्याय: पूजित, आराधित, उपासित, अर्चित, अपचायित, अंजित, अरचित, अर्हित - जो तेज से भरा हुआ या मंडित हो:"संत का ललाट तेजोमंडित है"
पर्याय: तेजोमंडित, तेजपूर्ण, कांतिमान, कान्तिमान, कांतिमान्, कान्तिमान्, कांतिमय, कान्तिमय, कांतियुक्त, कान्तियुक्त, जाज्वल्यमान, देदीप्यमान, प्रकाशमान, दिव्य, चमकता, दमकता, आलोकित, उज्वलित, उज्ज्वलित, उज्ज्वल, रोशन, ज्योतित, दीप्त, जगमग, प्रकाशवान, प्रदीप्त, द्युतिमान्, द्युतिमान, द्युत, द्युतिमंत, द्युतिमन्त, उजियारा, आबदार - जैसा हो वैसा या जिसमें किसी प्रकार का बनावटीपन या छुपाव न हो:"गवाह ने डर के मारे सत्य बयान नहीं दिया"
पर्याय: सत्य, सच, सच्चा, सही, यथार्थ, ठीक, अवदात, साँचा, सांचा
- वह जो न्यायसंगत, उचित और धर्म से संबंधित हो:"सत्य की रक्षा में उन्होंने अपनी जान गँवा दी"
पर्याय: सत्य, सच, साँच, सांच, यथार्थ, सत्त, पूत, अवितथ, तहकीक, तहक़ीक़ - नदी, जलाशय, वर्षा आदि से मिलने वाला वह द्रव पदार्थ जो पीने, नहाने, खेत आदि सींचने के काम आता है:"जल ही जीवन का आधार है"
पर्याय: जल, पानी, नीर, अंबु, अम्बु, पय, वारि, आब, तोय, सलिल, पुष्कर, अंभ, अपक, उदक, उदक्, धरुण, तपोजा, रेतस्, अर्ण, वाज, शवल, शवर, सवल, सवर, नलिन, घनरस, घनसार, दहनाराति, अस्र, अंध, अन्ध, अक्षित, शबर, वसु, कीलाल, तामर, इरा, नीवर, योनि, नार, कांड, काण्ड - किये हुए कर्मों का फल:"महात्माजी बता रहे थे कि लोगों को कर्मफल भोगना पड़ता है"
पर्याय: कर्मफल, विपाक - जीव की जन्म और मरण के बंधन से छूट जाने की अवस्था:"सच्चे लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है"
पर्याय: मोक्ष, अमर पद, मुक्ति, कैवल्य, तथागति, निर्वाण, निस्तार, महानिर्वाण, तरणतारण, तरनतारन, परमपद, अमृतत्व, अनपायिपद, अनफाँस, अनावृत्ति, अपवर्ग, अपवर्जन, अपुनरावर्तन, अपुनरावृत्ति, अपुनर्मव, अभयपद, अमरपद, शिवा, अशरीरत्व, आत्मसिद्धि, आत्मोद्धार, क्षेम - "
पर्याय: यज्ञ, याग, सत्र, मख, अध्वर, यूपध्वज, इष्टि, वाज, वर्हा, आहव, इज्या
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- यदि सर्व आश्रय लीन ऋत साधक की दृढ़ता
- रिमझिम रिमझिम रुमझुम रुमझुम भेगी भीगी ऋत में
- ऋत संसार को चलाने वाले नियम हैं ।
- ऋत तत्व साधक को सुलभ , परब्रह्म दोनों प्रकार
- यदि जान ले ध्रुव ऋत अजन्मा महिमामय परमात्मा ,
- फ़िर तत्वमय चिंतन करें , ऋत आत्म तत्व प्रवेश को।
- फ़िर तत्वमय चिंतन करें , ऋत आत्म तत्व प्रवेश को।
- ऋत सर्व अंतर्यामी प्रभुवर , एकमेव ही ज्ञात है,
- प्राकृतिक सुबह ऋत के नियमों से होती है।
- करिये यथावत आचरण , ऋत, मरण धर्मा प्राण हैं,