तुंगी का अर्थ
[ tunegai ]
तुंगी उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- / जाड़े में रात्रिमान बड़ा होता है"
पर्याय: रात, रात्रि, रजनी, निशा, यामा, यामिनी, रैना, रैन, विभावरी, निशि, शर्वरी, यामिन, यामिनि, यामि, रात्रिमान, निशिता, वासुरा, निसि, निशाभाग, चंद्रकांता, चन्द्रकान्ता, चंद्र-कांता, चन्द्र-कान्ता, निशीथ, निशीथिनी, यामवती, निशीथ्या, निषद्वरी, रणि, तन्यतु, श्रीसदा, त्रियामा, चक्रभेदिनी, यामीरा, यामिका, तमस्विनी, तमा, अंधिका, अन्धिका, शताक्षी, सर्वरी, तमयी, शब, छनदा, इंद्र, इन्द्र, ताराभूषा - एक पौधा जिसकी जड़ मसाले के काम आती है:"समय पर सिंचाई न होने के कारण हल्दी सूख गई"
पर्याय: हल्दी, हलदी, हरिद्रा, पीतिका, स्वर्णवर्णा, मंगलप्रदा, मंगला, दीर्घरागा, वर्णविलासिनी, निशाह्वा, निशि, वेधमुख्यक, शिवा, शिफा, यामिनी, शोभा, प्रहर्षणी, वरांगी, त्रियामा, कावेरी, तमस्विनी, श्रीमत्, श्रीमान्, वरा, हेमघ्ना, हेमरागिनी, हेर, वर्णदात्री, पवित्रा, वरिष्ठा, वर्णवती, पीता - एक पौधे की जड़ जो मसाले और रँगाई के काम में आती है:"हल्दी एक रोग प्रतिरोधक औषध है"
पर्याय: हल्दी, हलदी, हरिद्रा, पीतिका, स्वर्णवर्णा, मंगलप्रदा, मंगला, दीर्घरागा, वर्णविलासिनी, निशाह्वा, निशि, शिवा, शिफा, यामिनी, लसा, प्रहर्षणी, त्रियामा, कावेरी, वरांगी, तमस्विनी, वरा, हेमघ्ना, हेमरागिनी, हेर, वर्णदात्री, पवित्रा, वरिष्ठा, वर्णवती, पीता - तुलसी की तरह का एक पौधा:"परती भूमि में जगह-जगह बनतुलसी उग आयी है"
पर्याय: बनतुलसी, ममरी, बबई, बर्बरी, वनतुलसी, शंबरीगंधा, मुखार्जक, श्वेतच्छद, मेषालु, बबरी, निद्रालु
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- लंबी तुंगी हो तो वह ज़मीन में धंसने का अनोखा अज़ाब .
- लंबी तुंगी हो तो वह ज़मीन में धंसने का अनोखा अज़ाब .
- महिमा धर्म के आश्रमों को तुंगी कहा जाता है जिनकी देशभर में संख्या 1583 है .
- महिमा धर्म के आश्रमों को तुंगी कहा जाता है जिनकी देशभर में संख्या 1583 है .
- गजपन्था , तुंगी , पावागिरि , द्रोणगिरि , मेडगिरी , सि ( वरकूट , बड़वानी आदि तीर्थ ऐसे हैं जिन्हें केवल दिगम्बर परम्परा ही मानती है और आबू , शंखेश्वर आदि कुछ ऐसे तीर्थ हैं जिन्हें श्वेताम्बर संप्रदाय ही मानता है।
- गजपन्था , तुंगी , पावागिरि , द्रोणगिरि , मेडगिरी , सि ( वरकूट , बड़वानी आदि तीर्थ ऐसे हैं जिन्हें केवल दिगम्बर परम्परा ही मानती है और आबू , शंखेश्वर आदि कुछ ऐसे तीर्थ हैं जिन्हें श्वेताम्बर संप्रदाय ही मानता है।
- नवादा जिल के मंझवे , तुंगी , बेलदारी , ठियौरी , कैथी हतिया , पचिया , नारदीगंज , छत्तरवार डोला तथा डफलपुरा में , नालन्दा जिले को बौरी , गाँव के बारह टोले में , कोचरा , जौए , डेउरा सरथुआ में तता औरंगाबाद जिले के देव प्रखण्ड के बारह गाँवों में पान की खेती होती है।
- नवादा जिल के मंझवे , तुंगी , बेलदारी , ठियौरी , कैथी हतिया , पचिया , नारदीगंज , छत्तरवार डोला तथा डफलपुरा में , नालन्दा जिले को बौरी , गाँव के बारह टोले में , कोचरा , जौए , डेउरा सरथुआ में तता औरंगाबाद जिले के देव प्रखण्ड के बारह गाँवों में पान की खेती होती है।
- मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की उम्र 17000 वर्ष तथा शरीर की ऊंचाई 16 धनुष और वे मांगी-तुंगी से मोक्ष गये ! ये पर्वत बहुत ही पवित्र है यहाँ से श्री राम के साथ साथ हनुमान , सुघ्रीव , नल , नील , महानील , गवा , गवाख्य इत्यादि रामायण के पात्र मोक्ष पधारे , इस तरह यहाँ से 99 करोड़ जीवो ने मुक्ति प्राप्त की है , इस क्षेत्र पर २ पहाड़ मांगी और तुंगी होने के कारण ही इस जगह का नाम मांगी-तुंगी है !