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वरांगी का अर्थ

[ veraanegai ]
वरांगी उदाहरण वाक्य

परिभाषा

संज्ञा
  1. एक शाकाहारी स्तनपायी चौपाया जो अपने स्थूल और विशाल आकार तथा सूँड़ के कारण सब जानवरों से विलक्षण होता है:"हाथी को गन्ना बहुत ही प्रिय है"
    पर्याय: हाथी, गज, हस्ति, हस्ती, कुंजर, मितंग, गज्जू, करि, नाग, गयंद, गयन्द, अनलपंखचार, फ़ील, फील, वारीट, पिंडपाद, पिण्डपाद, पिंडपाद्य, पिण्डपाद्य, विराणी, दीर्घमारुत, सूचिकाधर, सिंधुर, सिन्धुर, भसुंद, इभ, मतंग, महादंत, वीरमंगल, लतालक, मातंग, स्त्रीध्वज, मतंगज, पील, मत्तकीश, वृहदंग, वेदंड, वेदण्ड, पीलु, शुंडी, द्विप, द्विरद, द्विराप, द्विहन्, रेवाउतन, लंबकर्ण, लम्बकर्ण, सत्रि, करेणु, जलाकांक्ष, कुंजल, कुञ्जल, द्रुमारि, महानाद, शुंडाल, शुण्डाल, अंतःस्वेद, अन्तःस्वेद
  2. एक पौधा जिसकी जड़ मसाले के काम आती है:"समय पर सिंचाई न होने के कारण हल्दी सूख गई"
    पर्याय: हल्दी, हलदी, हरिद्रा, पीतिका, स्वर्णवर्णा, मंगलप्रदा, मंगला, दीर्घरागा, वर्णविलासिनी, निशाह्वा, निशि, वेधमुख्यक, शिवा, शिफा, यामिनी, तुंगी, शोभा, प्रहर्षणी, त्रियामा, कावेरी, तमस्विनी, श्रीमत्, श्रीमान्, वरा, हेमघ्ना, हेमरागिनी, हेर, वर्णदात्री, पवित्रा, वरिष्ठा, वर्णवती, पीता
  3. एक प्रकार की लता जिसमें छोटे और पीले फूल लगते हैं:"मजीठ की सूखी जड़ एवं डंठलों से लाल रंग प्राप्त होता है"
    पर्याय: मजीठ, मंजिष्ठा, मंडूकपर्णी, मण्डूकपर्णी, मंडूका, मण्डूका, फंजी, फञ्जी, भंडीरी, भण्डीरी, भंडीरलतिका, भण्डीरलतिका, भंडीतकी, भण्डीतकी, वस्त्रभूषणा, वस्त्ररंजनी, रागांगी, समंगा, लांगली, अरुण, अरुन, अरुणा, शंकरी, शंकरा, योजनपर्णी, चित्रपर्णी, योजनवल्ली, ब्रह्ममंडूकी, ब्रह्ममण्डूकी, हेमपुष्पी, चित्रा, ताम्रवल्ली, रक्तांगी, रक्ता, रक्तयष्टि, रक्तालता
  4. एक पौधे की जड़ जो मसाले और रँगाई के काम में आती है:"हल्दी एक रोग प्रतिरोधक औषध है"
    पर्याय: हल्दी, हलदी, हरिद्रा, पीतिका, स्वर्णवर्णा, मंगलप्रदा, मंगला, दीर्घरागा, वर्णविलासिनी, निशाह्वा, निशि, शिवा, शिफा, यामिनी, लसा, तुंगी, प्रहर्षणी, त्रियामा, कावेरी, तमस्विनी, वरा, हेमघ्ना, हेमरागिनी, हेर, वर्णदात्री, पवित्रा, वरिष्ठा, वर्णवती, पीता
  5. एक प्रकार का गंधद्रव्य जो सीप अथवा घोंघे की जाति के एक जन्तु विशेष के ऊपरी मुख के आवरण का ढकना होता है:"नख का आकार नाखून की तरह चंद्राकार या कभी गोलाकार भी होता है"
    पर्याय: नख, नखरी, अनसखरी, नागदंती, नागदन्ती, नखी, अंजनकेशी, शार्दूलज, श्रीहस्तिनी, विशालाक्षी, स्वल्पनख, पौर, श्वेतघंटा, श्वेतघण्टा, श्वेतपुष्पा, श्वेत-पुष्पा, व्याघ्रनख, व्याघ्रनखी, व्याघ्रनखक, व्याघ्री, व्याघ्रतला, व्याघ्रदल, व्याघ्रदला, व्याघ्रपुष्प, व्याघ्रायुध, व्याधिखड्ग, व्यालकरज, शंखनख, व्यालखंग, शीतदंतिका, शीतदन्तिका, शुक्लपुष्पी, करभ, नागस्तोफा, नागहनु, शतदंतिका, शतदन्तिका, अश्वखुर, शफ, व्याघ्र-पुष्प, सर्पदंती, सर्पदन्ती, विचक्षणा, व्याड़ायुध
  6. एक प्रकार की बेल :"अमलबेत पश्चिम के पहाड़ों में होती है"
    पर्याय: अमलबेत, अम्लवेत, अम्लवेतस, आम्लवेतस, राजाम्ल, शंखद्रावी, शङ्खद्रावी, अमलबेंत, वीरवेतस, वृद्धराज, चूक, अम्लसार, रक्तसार

उदाहरण वाक्य

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  1. ब्रह्मा जी प्रकट हुए - वज्रांग ने कहा - दादा जी ! वरांगी पुत्रवती की इच्छा रखती है /
  2. ब्रह्मा जी प्रकट हुए - वज्रांग ने कहा - दादा जी ! वरांगी पुत्रवती की इच्छा रखती है /
  3. ब्रह्मा जी ने कहा - तथास्तु / इसके बाद ब्रह्मा जी ने वज्रांग के लिए वरांगी कन्या उत्पन्न किया / वज्रांग वरांगी को लेकर फिर तपस्या में लीं हो गया /
  4. ब्रह्मा जी ने कहा - तथास्तु / इसके बाद ब्रह्मा जी ने वज्रांग के लिए वरांगी कन्या उत्पन्न किया / वज्रांग वरांगी को लेकर फिर तपस्या में लीं हो गया /
  5. सिरहाने रखे सूरज को कभी भी टांका जा सकता था आसमान में शुरू किया जा सकता था दिन और चाहे जब तुमसे बात भी की जा सकती थी स् वरांगी साने * और »
  6. दितिनंदन के तपस्या में लीं रहने के करण वरांगी को इन्द्र त्रस्त करने लगे / इस प्रताड़ना से वह प्राण त्याग देने की निश्चय की / इसी वक्त वज्रांग से मिलाकात हुई / वरांगी को देख विस्मत वज्रांग ने पूछा - ऐसी स्थिति में क्यों हो ? वरांगी ने उत्तर दिया- इन्द्र से मै काफी दुखी हूँ / अब मै आत्महत्या करने जा रही हूँ / हे ! नाथ , मुझे एक पुत्र दीजिये / इससे वज्रांग बहुत दुखी हुआ ? लेकिन वह इन्द्र को कुछ करने के बजाय पुन : तपस्या में लीं हो गया /
  7. दितिनंदन के तपस्या में लीं रहने के करण वरांगी को इन्द्र त्रस्त करने लगे / इस प्रताड़ना से वह प्राण त्याग देने की निश्चय की / इसी वक्त वज्रांग से मिलाकात हुई / वरांगी को देख विस्मत वज्रांग ने पूछा - ऐसी स्थिति में क्यों हो ? वरांगी ने उत्तर दिया- इन्द्र से मै काफी दुखी हूँ / अब मै आत्महत्या करने जा रही हूँ / हे ! नाथ , मुझे एक पुत्र दीजिये / इससे वज्रांग बहुत दुखी हुआ ? लेकिन वह इन्द्र को कुछ करने के बजाय पुन : तपस्या में लीं हो गया /
  8. दितिनंदन के तपस्या में लीं रहने के करण वरांगी को इन्द्र त्रस्त करने लगे / इस प्रताड़ना से वह प्राण त्याग देने की निश्चय की / इसी वक्त वज्रांग से मिलाकात हुई / वरांगी को देख विस्मत वज्रांग ने पूछा - ऐसी स्थिति में क्यों हो ? वरांगी ने उत्तर दिया- इन्द्र से मै काफी दुखी हूँ / अब मै आत्महत्या करने जा रही हूँ / हे ! नाथ , मुझे एक पुत्र दीजिये / इससे वज्रांग बहुत दुखी हुआ ? लेकिन वह इन्द्र को कुछ करने के बजाय पुन : तपस्या में लीं हो गया /
  9. दितिनंदन के तपस्या में लीं रहने के करण वरांगी को इन्द्र त्रस्त करने लगे / इस प्रताड़ना से वह प्राण त्याग देने की निश्चय की / इसी वक्त वज्रांग से मिलाकात हुई / वरांगी को देख विस्मत वज्रांग ने पूछा - ऐसी स्थिति में क्यों हो ? वरांगी ने उत्तर दिया- इन्द्र से मै काफी दुखी हूँ / अब मै आत्महत्या करने जा रही हूँ / हे ! नाथ , मुझे एक पुत्र दीजिये / इससे वज्रांग बहुत दुखी हुआ ? लेकिन वह इन्द्र को कुछ करने के बजाय पुन : तपस्या में लीं हो गया /


के आस-पास के शब्द

  1. वरवर्णिनी
  2. वरशिख
  3. वरहंस
  4. वरा
  5. वरांगक
  6. वरांडा
  7. वराक
  8. वराट
  9. वराटक
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