लम्बकर्ण का अर्थ
[ lembekren ]
लम्बकर्ण उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- नर बकरी:"उसने एक बकरा व दो बकरियाँ पाल रखी हैं"
पर्याय: बकरा, अज, छागल, छगल, छेर, बोतू, पादचत्वर, मेक, लंबकर्ण, मेध्य, अवि, छाग, अवुक, वस्त, छालो - धर्म-ग्रंथों में मान्य वे दुष्ट आत्माएँ जो धर्म विरोधी कार्य करती हैं तथा देवताओं, ऋषियों आदि की शत्रु हैं:"पुरातन काल में राक्षसों के डर से धर्म कार्य करना मुश्किल होता था"
पर्याय: राक्षस, असुर, दैत्य, दैत, निशाचर, निशिचर, दानव, जातुधान, यातुधान, तमीचर, तमाचारी, नैरृत, नैऋत, अनुशर, अपदेवता, ध्वांतचर, ध्वान्तचर, कर्बर, देवारि, कर्बुर, कैकस, तमचर, सुरद्विष, पलाद, पलादन, अमानुष, नृमर, रात्रिबल, रात्रिमट, निशाविहार, निषकपुत्र, रक्तप, पलंकष, ह्रस्वकर्ण, रेरिहान, रैनचर, त्रिदशारि, लंबकर्ण, नरांश, तरंत, तरन्त, रक्तग्रीव, कीलालप, अविबुध, नैकषेय, आशर, अशिर, दतिसुत, अश्रय, आकाशचारी, आसर, रजनीचर, आस्रप - एक शाकाहारी स्तनपायी चौपाया जो अपने स्थूल और विशाल आकार तथा सूँड़ के कारण सब जानवरों से विलक्षण होता है:"हाथी को गन्ना बहुत ही प्रिय है"
पर्याय: हाथी, गज, हस्ति, हस्ती, कुंजर, मितंग, गज्जू, करि, नाग, गयंद, गयन्द, अनलपंखचार, फ़ील, फील, वारीट, पिंडपाद, पिण्डपाद, पिंडपाद्य, पिण्डपाद्य, विराणी, दीर्घमारुत, सूचिकाधर, सिंधुर, सिन्धुर, भसुंद, इभ, मतंग, महादंत, वीरमंगल, लतालक, मातंग, स्त्रीध्वज, मतंगज, पील, मत्तकीश, वृहदंग, वेदंड, वेदण्ड, पीलु, शुंडी, द्विप, द्विरद, द्विराप, द्विहन्, रेवाउतन, लंबकर्ण, सत्रि, करेणु, जलाकांक्ष, कुंजल, कुञ्जल, वरांगी, द्रुमारि, महानाद, शुंडाल, शुण्डाल, अंतःस्वेद, अन्तःस्वेद - सफेद, भूरे, मटमैले रंग का एवं मुलायम रोएँवाला मध्यम आकार का एक डरपोक जीव:"ख़रगोश शाकाहारी होता है"
पर्याय: खरगोश, शशक, शश, शूलिक, मृदुलोमक, शीघ्रग, रोमकर्णक, लंबकर्ण - घोड़े की तरह का, पर उससे छोटा, एक चौपाया:"गधा खड़े-खड़े सोता है"
पर्याय: गधा, गदहा, गर्दभ, खर, रेणुरुषित, लंबकर्ण, शंकुकर्ण, रमण - एक बड़ा शिकारी पक्षी:"बाज ने एक ही झपट्टे में चूहे को पकड़ लिया"
पर्याय: बाज, बाज़, श्येन, सैन, लंबकर्ण, पगद्भीरु, शौंगेय, शशाद, शशादन, शशघातक, शशघाती, प्राजिक, नीलपिच्छ
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- लम्बकर्ण शशांक का दूत बनकर हाथियों के समीप पहुंचा।
- धा , गर्दभ, खर, रेणुरुषित, लंबकर्ण, लम्बकर्ण, मूर्ख, बेवकूफ़, लल्लू, गोबर गणेश, गंवार, अनाड़ी, उज़बक,
- यह सुनकर गजराज ने पूछा , “ किन्तु तुम हो कौन ? ” “ मैं लम्बकर्ण नाम का शशक हूं।
- यह सुनकर एक शशक ने कहा , “ यदि ऐसी बात है तो लम्बकर्ण इस कार्य के लिए उपयुक्त व्यक्ति है।
- बैजनाथ से ही प्राप्त एक अन्य प्रतिमा में विशाल शरीर वाले लम्बकर्ण देव मुकुट , कुंडल , बाजूबंध , गले में कंठा पहने हुए ग्रैवेयक एवं पाद आभूषणों सहित दर्शाये गये है।
- इस प्रकार वह गजराज लम्बकर्ण के साथ अकेले उस जलाशय के निकट गया तो उसने जल पर पड़ने वाले चन्द्रमा के प्रतिबिम्ब को दिखाकर कहा , “ देखो , महाराज चन्द्रमा इस समय जल में समाधिस्थ होकर बैठ हैं।
- गजवक्त्र : जिसका हाथी की तरह मुँह है 12 . गणाध्यक्ष : सभी जणों का मालिक 13 . गणपति : सभी गणों के मालिक 14 . गौरीसुत : माता गौरी का बेटा 15 . लम्बकर्ण : बड़े कान वाले देव 16 .
- गजवक्त्र : जिसका हाथी की तरह मुँह है 12 . गणाध्यक्ष : सभी जणों का मालिक 13 . गणपति : सभी गणों के मालिक 14 . गौरीसुत : माता गौरी का बेटा 15 . लम्बकर्ण : बड़े कान वाले देव 16 .
- तन कर बैठे देव सुन्दर शरीर सौष्ठव सहित दर्शाये गये हैं जो योद्धाओं सरीखी सुगठित देहयष्टि-पतली कमर , चोडा़ वक्ष , लम्बकर्ण , मकर कंडलधारी , दायीं ओर कमर से नीचे बाण पकडे़ तथा धनुष को दृढ़ता से धारण किये कदली वृक्ष के पत्तों के बने छत्र सहित सुशोभित हैं।
- तन कर बैठे देव सुन्दर शरीर सौष्ठव सहित दर्शाये गये हैं जो योद्धाओं सरीखी सुगठित देहयष्टि-पतली कमर , चोडा़ वक्ष , लम्बकर्ण , मकर कंडलधारी , दायीं ओर कमर से नीचे बाण पकडे़ तथा धनुष को दृढ़ता से धारण किये कदली वृक्ष के पत्तों के बने छत्र सहित सुशोभित हैं।