पलाद का अर्थ
[ pelaad ]
पलाद उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- धर्म-ग्रंथों में मान्य वे दुष्ट आत्माएँ जो धर्म विरोधी कार्य करती हैं तथा देवताओं, ऋषियों आदि की शत्रु हैं:"पुरातन काल में राक्षसों के डर से धर्म कार्य करना मुश्किल होता था"
पर्याय: राक्षस, असुर, दैत्य, दैत, निशाचर, निशिचर, दानव, जातुधान, यातुधान, तमीचर, तमाचारी, नैरृत, नैऋत, अनुशर, अपदेवता, ध्वांतचर, ध्वान्तचर, कर्बर, देवारि, कर्बुर, कैकस, तमचर, सुरद्विष, पलादन, अमानुष, नृमर, रात्रिबल, रात्रिमट, निशाविहार, निषकपुत्र, रक्तप, पलंकष, ह्रस्वकर्ण, रेरिहान, रैनचर, त्रिदशारि, लंबकर्ण, लम्बकर्ण, नरांश, तरंत, तरन्त, रक्तग्रीव, कीलालप, अविबुध, नैकषेय, आशर, अशिर, दतिसुत, अश्रय, आकाशचारी, आसर, रजनीचर, आस्रप
उदाहरण वाक्य
- उपनि षद् में महर्षि पि प् पलाद उन प्रश् नों का उत्तर देते हैं ।
- ( 1 . ) प्रशनोपनि षद् - यह अथर्ववेद की पैप् पलाद शाखा से सम् बद्ध उपनि षद् है ।
- यह उपनि षद् ६ ऋषि महर्षि पि प् पलाद से अध् यात् म-वि ष् यक प्रश् न पूछते हैं ।
- प्रश् नोपनिषद् में वर्णित है कि कात् यायन कबंधी के आचार्य पिप् पलाद से यह प्रश् न करने पर कि सृष् टि में जो कुछ दृष् टिगोचर है वह आदि में किससे उत् पन् न हुआ आचार्य ने उत् तर दिया - तस् मै स होवाच प्रजाकामो वै प्रजापतिः।