कीलालप का अर्थ
[ kilaalep ]
परिभाषा
संज्ञा- धर्म-ग्रंथों में मान्य वे दुष्ट आत्माएँ जो धर्म विरोधी कार्य करती हैं तथा देवताओं, ऋषियों आदि की शत्रु हैं:"पुरातन काल में राक्षसों के डर से धर्म कार्य करना मुश्किल होता था"
पर्याय: राक्षस, असुर, दैत्य, दैत, निशाचर, निशिचर, दानव, जातुधान, यातुधान, तमीचर, तमाचारी, नैरृत, नैऋत, अनुशर, अपदेवता, ध्वांतचर, ध्वान्तचर, कर्बर, देवारि, कर्बुर, कैकस, तमचर, सुरद्विष, पलाद, पलादन, अमानुष, नृमर, रात्रिबल, रात्रिमट, निशाविहार, निषकपुत्र, रक्तप, पलंकष, ह्रस्वकर्ण, रेरिहान, रैनचर, त्रिदशारि, लंबकर्ण, लम्बकर्ण, नरांश, तरंत, तरन्त, रक्तग्रीव, अविबुध, नैकषेय, आशर, अशिर, दतिसुत, अश्रय, आकाशचारी, आसर, रजनीचर, आस्रप - / सूरदास का भ्रमर-गीत भौंरे को माध्यम बना कर लिखा गया है"
पर्याय: भौंरा, भँवरा, भ्रमर, अलिंद, अलिन्द, अली, भृंग, मधुकर, चंचरीक, भ्रमरा, बिंगी, मधुरसिक, मधुलिह, मधुलोलुप, मधुवामन, मधुव्रत, नीलांगु, मधुसूदन, मधुराज, मलिंद, मलिन्द, पद्मबंधु, पद्मबन्धु, द्विर, द्विरेफ, रेणुवास, अलि, मैलंद, मैलन्द, अलिक, अलिपक, अलिमक, भसन, खटपद, शैलेय, षटपद