त्रयी-धर्म का अर्थ
[ teryi-dherm ]
परिभाषा
संज्ञा- आर्यों का वह धर्म जो वेदों के युग में प्रचलित था या ऋग्वेद, यजुर्वेद और सामवेद में बतलाया हुआ या इनके अनुसार विहित धर्म जिसमें प्रकृति की उपासना, पितरों का पूजन, यज्ञकर्म, तपस्या आदि बातें मुख्य थीं:"वैदिक धर्म को विश्व के सबसे पुराने धर्मों में से एक माना जाता है"
पर्याय: वैदिक धर्म, वैदिकधर्म, वैदिक-धर्म, त्रयीधर्म, त्रयी धर्म