त्रिलोक्य का अर्थ
[ terilokey ]
त्रिलोक्य उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- हिन्दू धर्म में विष्णु पुराण के अनुसार इस त्रिलोक्य को दो प्रकार के लोकों में बांटा जा सकता है : -
- भांग को कई नामों से जाना जाता है- अजया , विजया , त्रिलोक्य , मातुलि , मोहिनी , शिवप्रिया , उन्मत्तिनी , कामाग्नि , शिवा आदि।
- भांग को कई नामों से जाना जाता है- अजया , विजया , त्रिलोक्य , मातुलि , मोहिनी , शिवप्रिया , उन्मत्तिनी , कामाग्नि , शिवा आदि।
- - इस स्थान पर पिछले तीन वर्षों में पंचकल्याण , सिद्धचक्र महामंडल विधान, त्रिलोक्य महामंडल विधान हुए हैं जिसके माध्यम से जैन धर्म की प्रभावना भी हुई है।
- कबीर तथा दूसरे सभी सन्तों का पक्का विश्वास था कि दशरथ के बेटे राम का बखान करने वाला त्रिलोक्य राम नाम के असली मर्म से परिचित नहीं है।
- पुराणों में उल्लेखित है कि सूर्यास्त से दिनअस्त तक का समय भगवान ' शिव' का समय होता है जबकि वे अपने तीसरे नेत्र से त्रिलोक्य (तीनों लोक) को देख रहे होते हैं और वे अपने नंदी गणों के साथ भ्रमण कर रहे होते हैं।
- पुराणों में उल्लिखित है कि सूर्यास्त से दिन अस्त तक का समय भगवान ' शिव ' का समय होता है जबकि वे अपने तीसरे नेत्र से त्रिलोक्य ( तीनों लोक ) को देख रहे होते हैं और वे अपने नंदी गणों के साथ भ्रमण कर रहे होते हैं।