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निधिपति का अर्थ

[ nidhipeti ]
निधिपति उदाहरण वाक्य

परिभाषा

संज्ञा
  1. यक्षों के राजा जो इंद्र की निधियों के भंडारी माने जाते हैं:"कुबेर संबंध में रावण के भाई थे"
    पर्याय: कुबेर, कुवेर, किन्नर राज, यक्षराज, यक्षेंद्र, यक्षेश्वर, द्रुम, एकपिंगल, धनद, धनधारी, अर्थपति, अलकेश्वर, एककुंडल, एकनयन, ऐलविल, गुह्यकेश्वर, पर्वेश, रत्नगर्भ, रत्नेश, वित्तेश, धननाथ, वसुप्रद, श्वेतोदर, अर्थद, अलकाधिप, अलकाधिपति, बहुधनेश्वर, श्रीमत्, अलकापति, श्रीमान्, निधिनाथ, निधिप, निधिपाल, नृवाहन, रत्नकर, महासत्व, मनुराज, मनुष्यधर्मा, ईश्वरसख

उदाहरण वाक्य

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  1. यजुर्वेद में इन्हें गणपति , प्रियपति एवं निधिपति के रूप में आहूत किया गया है।
  2. प्राचीन ग्रंथों में उन्हें वैश्रवण , निधिपति एवं धनद नामों से भी सम्बोधित किया गया है।
  3. प्राचीन ग्रंथों में उन्हें वैश्रवण , निधिपति एवं धनद नामों से भी सम्बोधित किया गया है।
  4. गणपति , प्रियपति तथा निधिपति कहने में वेद का तात्पर्य बड़ा ही गूढ़ प्रतीत होता है।
  5. यजुर्वेद में इस देवता को गणपति , प्रियपति एवं निधिपति के रूप में आहूत किया गया है।
  6. बाबा हो या नेता , उन्हें स्वयं को जनता के प्रतिनिधि समझकर कार्य करना होगा , न कि निधिपति बनकर।
  7. ॐ गणानां त्वा गणपति œ हवामहे , प्रियाणां त्वा प्र्रियपति œ हवामहे , निधीनां त्वा निधिपति œ हवामहे , वसो मम।
  8. समस्त गणों के अधिपति एवं प्रिय पदार्थों प्राणियों के पालक और समस्त सुखनिधियों के निधिपति ! आपका हम आवाहन करते हैं ।
  9. इसीलिए भक्त उनका प्रथम स्मरण करते हैं- ‘ गणानां त्वा गणपति ्ँ हवामहे प्रियाण् ाां त्वा प्रियपति ्ँ हवामहे निधीनां त्वा निधिपति हवामहे।
  10. निधिपति कुबेर के गण यक्ष हैं जो कि संस्कृत साहित्य में मनुष्यों से अधिक शक्तिशाली , ज्ञान की परीक्षा लेते हुए, निर्मम प्राणी हैं।


के आस-पास के शब्द

  1. निधान
  2. निधि
  3. निधिगोप
  4. निधिनाथ
  5. निधिप
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  7. निधुवन
  8. निधेय
  9. निध्यान
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