पवित्रक का अर्थ
[ peviterk ]
पवित्रक उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- काँस की तरह की एक घास जिसका उपयोग कुछ धार्मिक कृत्यों में होता है:"हिंदू धार्मिक अनुष्ठानों में कुश की आवश्यकता पड़ती है"
पर्याय: कुश, कुशा, डाभ, डाब, दर्भ, दाभ, शार, अर्भ, चात्वाल, पितृषदन, ब्रह्मपवित्र, वर्हा - बरगद की जाति का एक पेड़ जिसके फल के अंदर छोटे-छोटे कीड़े होते हैं:"वह गूलर की छाँव में बैठा हुआ है"
पर्याय: गूलर, उदुंबर, ऊमर, पीतुदारु, जंतुफल, जन्तुफल, पाणिभुज, श्वेतवल्कल, पुष्पशून्य, शीतवल्क, ब्रह्मवृक्ष, यूका, हेमदुग्ध, उंबरी, उड़ुंबर, उड़ुंवर, लघुफल - एक प्रकार का पौधा जिसकी पत्तियाँ गुलदावदी के समान कटावदार होती हैं:"दौने की पत्तियों से तीक्ष्ण एवं कुछ कड़वी सुगंध आती है"
पर्याय: दौना, दवना, दमनक, ध्याम, पुंडरीक, पुण्डरीक, मुनिपुत्र, मुनिपत्र, तपस्वि-पत्र, मदनक, माल्यक, ब्रह्मजटा, साधक
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- भगवान्को पवित्रक अर्पण किया जाता है।… .
- गण + पति = गणपति । संस्कृतकोशानुसार ‘गण ' अर्थात पवित्रक ।
- तेल , सिंदूर, रुईके पत्तोंमें हनुमानके पवित्रक आकर्षित करनेकी क्षमता सर्वाधिक है;
- एक पिण्ड , एक अर्ध्य , एक पवित्रक होता है .
- तेल , सिंदूर, कपास के पत्तों में हनुमानके पवित्रक आकर्षित करनेकी क्षमता सर्वाधिक है;
- तेल , सिंदूर , रुईके पत्तोंमें हनुमानके पवित्रक आकर्षित करनेकी क्षमता सर्वाधिक है ;
- लाल फूलोंमें गणपतिके , बेलमें शिवके, तुलसीमें विष्णुके (श्रीकृष्णके) पवित्रक आकर्षित करनेकी क्षमता सर्वाधिक रहती है;
- तेल , सिंदूर , रुई के पत्तों में हनुमान के पवित्रक आकर्षित करने की क्षमता सर्वाधिक है।
- प्रेत के प्रपितामह का अर्धपात्र हाथ में उठाकर उसमें स्थित तिल , पुष्प , पवित्रक , जल आदि प्रेतपितामह के अर्धपात्र में छोड़ दें।
- प्रेत के प्रपितामह का अर्धपात्र हाथ में उठाकर उसमें स्थित तिल , पुष्प , पवित्रक , जल आदि प्रेतपितामह के अर्धपात्र में छोड़ दें।