पुण्यलोक का अर्थ
[ puneylok ]
पुण्यलोक उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- हिंदुओं के अनुसार सात लोकों में से वह जिसमें पुण्य और सत्कर्म करने वालों की आत्माएँ जाकर निवास करती हैं:"मनुष्य के अच्छे कर्म उसे स्वर्ग ले जाते हैं"
पर्याय: स्वर्ग, स्वर्ग लोक, अमर धाम, देवलोक, सुर लोक, जन्नत, बहिश्त, बिहिश्त, दिव, दिव्, सुरदेश, सुरधाम, सुरनगर, वीरमार्ग, स्वर्लोक, अमरलोक, अमर-लोक, अमरधाम, अमर-धाम, अमरपद, अमरपुर, अमरावती, अमरालय, धरुण, विवुधपुर, सोमधारा, त्रिदशालय, त्रिदिव, शुद्धावास, अमृतलोक, द्युलोक, द्यु-लोक, सुलोक, ऋभुक्ष, त्रिनाक, अर्श, द्यु, शतधृति, आसमान, आसमाँ, आस्माँ, आस्मान, धाम, इड़ा, रपुर
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- आप हमें मृत्यु के पश्चात पुण्यलोक को प्राप्त करायें।
- भगीरथ अपने पितृदेवों को पुण्यलोक प्राप्त कराने हेतु परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं।
- इस बीच तुम पुण्यलोक प्राप्त करके मेरी पत्नी के रूप में जन्म लोगी।
- गंगा भगीरथ के साथ गयी और उसके पूर्वजों की भस्म राशियों पर प्रवाहित होकर उन्हें पुण्यलोक भेजा ।
- इस प्रकार यजमान स्वर्ग , अन्तरिक्ष , अन्तरिक्ष की विभूतियां तथा पुण्यलोक की प्राप्ति की कामना करता है।
- प्राण ही तेज चित्त और आत्मा पुण्यकर्मों के कारण पुण्यलोक में और पाप कर्मों के कारण पापलोक में उभयकर्मों के कारण मनुष्य लोक में पहुंच जाता है।
- धर्मराज युधिष्ठिर , भीमसेन, अर्जुन, नकुल और सहदेव पाँचों पाण्डव महापराक्रमी परीक्षित को राज्य देकर महाप्रयाण हेतु उत्तराखंड की ओर चले गये और वहाँ जाकर पुण्यलोक को प्राप्त हुये।
- धर्मराज युधिष्ठिर , भीमसेन, अर्जुन, नकुल और सहदेव पाँचों पाण्डव महापराक्रमी परीक्षित को राज्य देकर महाप्रयाण हेतु उत्तराखंड की ओर चले गये और वहाँ जाकर पुण्यलोक को प्राप्त हुये।
- धर्मराज युधिष्ठिर , भीमसेन , अर्जुन , नकुल और सहदेव पाँचों पाण्डव महापराक्रमी परीक्षित को राज्य देकर महाप्रयाण हेतु उत्तराखंड की ओर चले गये और वहाँ जाकर पुण्यलोक को प्राप्त हुये।
- धर्मराज युधिष्ठिर , भीमसेन , अर्जुन , नकुल और सहदेव पाँचों पाण्डव महापराक्रमी परीक्षित को राज्य देकर महाप्रयाण हेतु उत्तराखंड की ओर चले गये और वहाँ जाकर पुण्यलोक को प्राप्त हुये।