प्रीत का अर्थ
[ perit ]
प्रीत उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- वह मनोवृत्ति जो किसी को बहुत अच्छा समझकर सदा उसके साथ या पास रहने की प्रेरणा देती है:"प्रेम में स्वार्थ का कोई स्थान नहीं होता"
पर्याय: प्रेम, प्यार, मुहब्बत, इश्क़, इश्क, प्रीति, अनुराग, छोह, लगन, अनुरंजन, अनुरञ्जन, राग, उलफत, उलफ़त, उल्फत, उल्फ़त, अभिप्रणय, प्रणव, पनव, उपधान, इखलास, शफक, शफ़क़, शफकत, शफ़क़त, अवन, अविद्वेष, इसक
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- तेरी मेरी प्रीत पुरानी जन्मो जनम का मेल
- आज हमारी वसुंधरा की प्रीत है बादलों से।
- बाल -अपराधी [ कविता ] - प्रीत अरोरा
- छन्द ये है नहीं प्रीत का लिख गया
- टूटे ना ये प्रीत , दिलों को, ऐसे जोड़ेंगे
- प्रीत की रस्में होगी मिलन की कसमें भी ,
- माली ने दोनों को अपना प्रीत जल दिया
- क्या प्रीत निभाना भूल गए , क्या भूल गए
- वह तुम्हारी प्रीत का विश्वास है केवल सुनयने
- प्रीत बना के तूने , जीना सिखाया ..